परवेज अख्तर, सिवान- सात सूत्री मांगों को लेकर उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के अधिकारी व कर्मी सोमवार से हड़ताल पर चले गए। इससे बैंक के सभी ब्रांच में कामकाज ठप रहा। क्षेत्रीय कार्यालय समेत जिले की सभी शाखाओं में पूरे दिन ताला लटका रहा। बैंककर्मियों ने इस दौरान अपनी मांगों के समर्थन में शहर के अयोध्यापुरी स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। बैंककर्मियों की हड़ताल से जिले में ग्रामीण बैंक की सभी शाखाएं बंद रही। उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के कर्मियों के तीन दिनों तक हड़ताल पर जाने से बैंक में प्रतिदिन करीब दस करोड़ का लेन-देन प्रभावित होगा। ग्रामीण बैंक में सबसे अधिक आरटीजीएस, निफ्ट, फंड ट्रांसफर व क्लीयरिंग का कार्य होता है जो हड़ताल से पूरी तरह से बाधित हो गया है। नियोजित शिक्षकों की मासिक तनख्वाह के अलावा ग्रामीण इलाके में बैंक के सबसे अधिक उपभोक्ता हैं। ऐसे लोग परेशान दिखे। मार्च के आखिरी सप्ताह में ग्रामीण बैंक का कार्य पूरी तरह ठप रहा। धरने पर बैठे उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन एवं ऑफिसर फेडरेशन के उपाध्यक्ष शिवशंकर प्रसाद यादव, अरुण प्रभात व राजेश्वर सिंह ने कहा कि हमारी मांगें जायज है, सरकार को इसे लागू करना ही होगा। कहा कि मांगों की अनदेखी करने पर इससे भी वृहद आंदोलन कर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। धरने का नेतृत्व शिवशंकर प्रसाद यादव, अरुण प्रभात, राजेश्वर सिंह, अरुण कुमार विद्यार्थी, श्याम बहादुर राम, बीके मांझी, रामाधार बैठा व महेश श्रीवास्तव शामिल रहे।
ग्रामीण बैंक की 84 शाखाओं में लटक गया ताला
ग्रामीण बैंक के अधिकारी व कर्मियों के तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने से बैंक की जिले भर में संचालित सभी शाखाओं में ताला सोमवार से लटक गया। सदर प्रखंड में ग्रामीण बैंक की आठ शाखाओं के अलावा जिले भर की 84 शाखाओं में कामकाज पूर्णत: बाधित रहा। हड़ताल में क्षेत्रीय बैंक के शाखा प्रबंधक समेत सभी बीस कर्मियों के अलावा जिले भर के ग्रामीण बैंकों में कार्यरत 272 कर्मी हड़ताल पर हैं। वैसे उपभोक्ता जिन्हें हड़ताल की पहले से जानकारी नहीं थी, वे बैंक आए लेकिन यहां धरना-प्रदर्शन होता देख मुंह लटका कर लौट गए। उधर, देश भर के 56 ग्रामीण बैंक के यूनाईटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन के आहृान पर तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन 26 से 28 मार्च तक किया गया है।