पटना: जज को चैंबर में घुसकर मारपीट करने के साथ ही सर्विस पिस्तौल कनपटी पर सटा देने के मामले तूल पकड़ लिया। विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथ लिया ही उधर पटना उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान लेते हुये राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, DGP और मधुबनी SP को आगामी 29 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया है।
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने विधानसभा सदन के अंदर बिहार पुलिस अर्थात् जेडीयू पुलिस से माननीय विधायकों और पत्रकारों को पिटवाने के बाद पुलिस से न्यायालय में जजों के चेंबर में अब न्यायाधीशों को पिटवा रहे है। सुशासनी एनडीए सरकार से इससे ज़्यादा और क्या मंगलराज चाहिए आपको? बिहार में क़ानून व्यवस्था ध्वस्त होने से प्रशासनिक अराजकता फैल चुकी है।पुलिस अधिकारी अब जजों के चेंबर में घुस कर गाली-गलौज और मारपीट कर रहे है। जज साहब ने बलात्कार संबंधित एक केस में SP को कानून संबंधी जानकारी नहीं होने एवं ट्रेनिंग पर भेजने की बात कही थी। वर्तमान मधुबनी SP के कार्यकाल में अपराध चरम पर है। कुख्यात मधुबनी नरसंहार, शराब तस्करी सहित जिले में प्रतिदिन अनेक बलात्कार, लूट और हत्या की दुःखद घटनाएँ होती है। अभी हाल में एक पत्रकार की भी हत्या हुई लेकिन इनका तबादला नहीं होगा क्योंकि ये नालंदा से है और नालंदा मॉडल से सब अवगत है।
पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी के एडीजे अविनाश कुमार-1 पर हुए हमले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव एवं मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने इस मामले को काफी गम्भीरता से लेते हुए अगली सुनवाई में राज्य के डीजीपी को कोर्ट में उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। इसके साथ- साथ कोर्ट ने डीजीपी को अपनी रिपोर्ट के साथ 29 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। बता दें की झंझारपुर थाने में थाना प्रभारी गोपाल कृष्ण और एसआई अभिमन्यू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है।
हाईकोर्ट मधुबनी के जिला जज से प्राप्त पत्रांक सं. 1993 पर स्वतः संज्ञान लेते हुए ये आदेश दिया। इस पत्र के अनुसार झंझारपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने हाईकोर्ट को घटना की जानकारी देते हुए यह जानकारी दी है कि घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्णा एवं सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने 18 नवंबर,2021 को दोपहर 2 बजे झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार-1 के चैम्बर में घुस गए। उन पर पिस्तौल तान दी और मारपीट के साथ बदसलुकी की।
एडीजे अविनाश कुमार के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार पर झंझारपुर के वकीलों ने गहरा रोष जताया और कहा कि पहले अपराधियों से सुरक्षा की जरूरत होती थी। लेकिन अब पुलिस वालों से न्यायिक पदाधिकारी व वकीलों को सुरक्षा की आवश्यकता हो गई है। पटना हाईकोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता और गम्भीरता को देखते हुए बिहार के डीजीपी को स्वयं कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि मधुबनी जिले के झंझारपुर कोर्ट के एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेंबर में घुसकर थानेदार और दारोगा द्वारा गुरुवार को मारपीट की गयी थी। इस दौरान थानेदार और दरोगा जज के चेंबर में घुस गये थे। दोनों ने पिस्टल की नोंक पर जज के साथ मारपीट की। शोर-शराबा सुनकर कोर्ट के वकील जज साहब के चेंबर की ओर दौड़े तो उनकी जान बची। वकीलों ने थानेदार औऱ दरोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया था। बता दें कि वर्दीधारियों की गुंडई के शिकार बने ये वही जज हैं जिन्होंने मधुबनी के एसपी सत्यप्रकाश को कानून की जानकारी न होने की कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजने का आदेश दिया था। घटना की सूचना के बाद आईजी, डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली। जिसके बाद झंझारपुर थाने में थाना प्रभारी गोपाल कृष्ण और एसआई अभिमन्यू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया।