- समाज में कोई मिथ्य या अफवाह की आशंका न रहें
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया है सवाल-जवाब
- टीका लगने के बाद भी हर व्यक्ति को चेहरे पर मास्क लगाना होगा
- कोरोना वायरस से ठीक हो चुके व्यक्ति भी लगवा सकते है टीका
छपरा: कोरोना वायरस के टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार ने सवाल-जबाव जारी किए हैं ताकि इसे लेकर समाज में कोई मिथ्य या अफवाह की आशंका न रहे। इन सवाल-जबाव में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि टीका लगने के बाद कुछ देर तक थोड़ा दर्द हो सकता है। जहां टीका की डोज लगेगी, केवल उतने हिस्से में कुछ वक्त या मिनट के लिए दर्द रह सकता है। इसके अलावा हल्का बुखार भी हो सकता है लेकिन इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। यह बहुत सामान्य सी बात है। किसी भी टीकाकरण में यह दिक्कत हो सकती है। इन सवाल-जबाव में मंत्रालय ने 27 सवालों के जबाव के जरिए ज्यादातर जानकारी उसी में शामिल करने की कोशिश की है। इसमें साफ तौर पर कहा है कि टीका लगने के बाद भी हर व्यक्ति को चेहरे पर मास्क लगाना होगा। सोशल डिस्टैसिंग का पालन टीकाकरण के दौरान और बाद में भी सभी के लिए अनिवार्य है।
पूरी तरह से सुरक्षित होगा टीका
अभी तक टीका नहीं आया है लेकिन जब भी टीका आएगा वह पूरी तरह से सुरक्षित होगा। हर पैमाने पर टीका की जांच के बाद ही उसे लोगों तक मुहैया कराया जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि दो डोज लेने के दो सप्ताह बाद ही शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडीज मिल सकती हैं। 28 दिन के अंतराल में दो डोज लेना जरूरी है। जिन लोगों को एक या उससे अधिक रोग हैं वह उच्च जोखिम समूह में शामिल हैं। उन्हें टीका जरूर दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा। साथ ही इस बात को रेखांकित किया कि भारत में उपलब्ध वैक्सीन भी दूसरे देशों में विकसित वैक्सीन जितनी ही कारगर होगी।
कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति भी लगवा सकते है टीका
मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में कोविड-19 से संक्रमित हो चुके लोगों को भी कोरोना वायरस के वैक्सीन की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता तैयार होगी। मंत्रालय ने कहा कि दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर तैयार होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्त्रस्मित हो चुके हैं और अब वह स्वस्थ्य हैं लेकिन सरकार द्वारा बनाए गए आवश्यक समूह में वह शामिल हैं तो उन्हें टीका जरूर लगवाना है।
28 दिनों के अंतराल पर मिलेगी वैक्सीन की खुराक
कम अवधि में परीक्षण के बाद तैयार वैक्सीन क्या सुरक्षित होगी और क्या इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इस पर मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा और कारगर होने के आधार पर नियामक संस्थानों की मंजूरी के बाद वैक्सीन की पेशकश की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षित टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों को वैक्सीन के विपरीत असर की स्थिति से निपटने के लिए भी इंतजाम करने को कहा गया है। मंत्रालय ने कहा कि 28 दिन के अंतराल पर वैक्सीन की दो खुराक लेने की आवश्यकता होगी। कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि से जूझ रहे मरीज भी कोविड-19 के वैक्सीन की खुराक ले सकते हैं।
टीकाकरण के लिए ये दस्तावेज होंगे मान्य
आरंभिक चरण में कोविड-19 वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दी जाएगी। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है। चिन्हित लोगों को टीकाकरण और उसके समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीकाकरण के लिए क्यों चुना गया है, इस पर मंत्रालय ने कहा कि सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है। उन्हें सबसे पहले वैक्सीन की खुराक मिलेगी। वैक्सीन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे।