जान बचाने के लिए पुलिसकर्मी ने तानी राइफल, बाद में पुलिसकर्मी ने भागकर बचाई
परवेज अख्तर/सिवान: मंडल कारा में पिछले 5 दिनों से बंद एक कैदी की मौत के बाद परिजन हिंसक हो गए है। रविवार की रात सीवान सदर अस्पताल में इलाज के दौरान कैदी की मौत हो गई उसकी मौत होने के बाद परिजन मंडल कारा में उसकी पिटाई करने का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि कैदी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्होंने जेल प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसकी बड़े ही बेरहमी से लाठी-डंडो से पिटाई कर दी। जिसके बाद सदर अस्पताल में मौत हो गई। सोमवार की सुबह सदर अस्पताल में शव रखकर प्रदर्शन कर रहे परिजनों ने एक पुलिसकर्मी को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद पुलिसकर्मी ने स्वयं रक्षा के लिए उनके ऊपर राइफल तान दी। जिसके बाद आक्रोशित लोगों की भीड़ और भी हिंसक हो गई। बाद में पुलिसकर्मी को वहां से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। बता दें कि यह पुलिसकर्मी सीवान पुलिस लाइन में मुस्तैद है। कैदी की तबीयत बिगड़ने के बाद वह उसे लेकर अस्पताल आया था। तब से कैदी के साथ ही यहां पर मौजूद था। कैदी की मृत्यु होने के बाद आक्रोशित लोगों ने पुलिस कर्मी की पिटाई करनी शुरू कर दी।
क्या है पूरा मामला मामला
दरअसल सीवान मंडल कारा में बंद एक कैदी की रविवार की रात सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। मृतक का भाई तुलसी यादव और परिजनों का आरोप है कि जेल के अंदर इसके साथ पिटाई की गई है,मृतक के शरीर पर पिटाई के कई दाग है। मृत कैदी जीबी नगर तरवारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा के गूलरबागा गांव निवासी अवध यादव का 35 वर्षीय बाल्मीकि यादव के रूप में हुई है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि 12 जुलाई को शराब पीने के मामले में जीबी नगर थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के सोनबरसा के गूलरबागा से गिरफ्तार किया था। बता दे कि रविवार की देर रात जेल के भीतर अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद जेल प्रशासन ने उसे आनन-फानन में सीवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। जिसके बाद अस्पताल में युवक की मौत हो गई। जैसे ही घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को हुई कोहराम मच गया। घटना के संबंध में मृतक के परिजन सीधे तौर पर जेल प्रशासन पर पिटाई करने का गंभीर आरोप लगा रहे है। परिजनों का कहना है कि गूलरबागा निवासी बाल्मीकि यादव शराब पी रहे थे इसी दौरान जीबीनगर तरवारा थाने की पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर 12 तारीख को थाने लाई थी उसके बाद 13 तारीख को जेल भेज दिया गया। प्रदीप भाई जनों का कहना है कि जेल के भीतर हल्की फुल्की तबीयत बिगड़ने के बाद कैदी के द्वारा अस्पताल में इलाज कराने की बात कही गई थी। इसके बावजूद भी जेल प्रशासन इलाज कराने से कतराती रही। बताया की कैदी की जोर जबरदस्ती करने पर जेल प्रशासन ने दोनों हाथ बांधकर डंडे से बड़े ही बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी गई। परिजनों ने कैदी के शरीर के कई भागों पर चोट के निशान भी दिखाएं। बतादें की मृतक के दो लड़की और एक लड़का है। उसकी मृत्यु होने के बाद उनके परिजनों को सदर अस्पताल में रखकर आक्रोश जता रहे है। हालांकि सोमवार की सुबह 6:30 बजे तक अब तक कोई भी पुलिस अधिकारी शव के पंचनामा तैयार करने और मामले की तहकीकात के लिए नहीं पहुंचा है। वह इस मामले में मृतक के परिजन जिला प्रशासन से इस मामले में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त करने की मांग की है।
अस्पताल गेट पर टायर जलाकर लोग कर रहे प्रदर्शन
बता दें कि कैदी की मौत के बाद उसके परिजन सदर अस्पताल के गेट पर टायर जलाकर यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। जिसकी वजह से आने जाने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल अभी माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस भी अभी वहां नहीं पहुंच पाई है।