परवेज अख्तर/सिवान: एक जनवरी को जब सभी नये साल का उत्सव मना रहे थे तो सीवान जिला के बड़हरिया थाना क्षेत्र के आखिरी पश्चिमी छोर गांव गौसीहाता में वर्चस्व की लड़ाई में मारपीट हो रही थी और फायरिंग हो रही थी। इसी हादसे में गोपालगंज जिला के थावे थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के नसरुल्लाह मियां के पुत्र शमशेर आलम की मौत हो गयी थी। इस हत्या के मामले में मृतक के भाई जालिम ने पकड़ी पंचायत के मुखिया और गौसीहाता निवासी आलमगिर को नामजद अभियुक्त बनाया था। तभी से बड़हरिया थाने की पुलिस मुखिया आलमगिर की तलाश कर रही थी। लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका था। लेकिन रविवार की देर शाम को सांध्य गश्ती पर पुलिस जवानों के साथ निकले बड़हरिया थाना के एएसआई आफताब आलम ने हत्यारोपी मुखिया आलमगिर को नबीगंज बाजार से गिरफ्तार कर हाजत में बंद कर दिया।
लेकिन मुखिया के परिजनों से हाई कोर्ट का स्टे आर्डर होने की बात कहने लगे। हालांकि परिजन हाई कोर्ट का स्टे आर्डर नहीं दिखा सके। विदित हो कि सीवान जिला के बड़हरिया थाना क्षेत्र के गौसीहाता गांव में 01जनवरी,2022 को दो पक्षों में वर्चस्व को लेकर हुई मारपीट और फायरिंग हुई थी।जिसमें माथे के पिछले हिस्से पर रड से चोट लगने से शमशेर अली की मौत हो गयी थी। मृतक के भाई जालिम आलम के आवेदन पर पुलिस ने थाना कांड संख्या -02/22 के तहत हत्याकांड की प्राथमिकी दर्ज की थी,जिसमें थाना क्षेत्र के गौसीहता निवासी सह पकड़ी पंचायत के मुखिया आलमगीर, इशरत अली सहित आधा दर्जन को नामजद किया गया था।पुलिस तभी से मुखिया आलमगिर उर्फ गिरि की तलाश में थी। बड़हरिया थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने हत्यारोपी मुखिया आलमगिर की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गिरफ्तार मुखिया को सोमवार को जेल भेज दिया गया।