परवेज अख्तर/सिवान : जिले के पचरुखी प्रखंड क्षेत्र में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के शौचालय लाभार्थियों से अवैध वसूली का धंधा की चर्चा जोरों पर है। प्रति शौचालय दो हजार से तीन हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि नए शौचालय के भुगतान में दो हजार रुपये लिए जाते हैं, जबकि थोड़ा पुराना शौचालय के लिए तीन हजार रुपये फिक्स है। प्रखंड क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग वसूली के लिए एजेंसी का कार्य कर रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव का स्पष्ट आदेश है कि जो शिक्षकों को प्रतिनियुक्त करेगा वहीं भुगतान करेगा। जसौली निवासी रूबिया खातून का कहना है कि यहां की वार्ड सदस्या के घर एक ही छत के नीचे दो-दो लोगों को भुगतान कर दिया गया। वहीं पचरुखी के एक विकास मित्र को दो भुगतान हुआ। ऐसा यह कोई अकेला मामला नहीं है ऐसे मामले दर्जनों है, जबकि कई ऐसे लोग हैं जो पैसा देने से इन्कार कर रहे हैं उनके भुगतान में विलंब से किया जा रहा है। इस संबंध में जब बीडीओ डॉ. इस्माइल अंसारी की गई तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हमने पहले चार पर प्राथमिकी की अनुशंसा कर चुका हूं, इसकी भी जांच की जाएगी।
शौचालय निर्माण में अवैध वसूली का आरोप
विज्ञापन