- केयर इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हो रही सुधार
- प्रत्येक प्रखंड में 5-5 जीएनएम को दिया गया है पांच दिवसीय ट्रेनिंग
- अस्पतालों में मरीजों को मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
छपरा: नवनियुक्त जीएनएम को जिला व प्रखंडस्तर पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। केयर इंडिया के क्षमता वर्धन टीम के द्वारा प्रखंडस्तर पर स्वास्थ्य संस्थान में ही चयनित व नवनियुक्त जीएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रत्येक प्रखंड में पांच-पांच जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान नवनियुक्त जीएनएम को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल के लिए जरुरी प्रक्रियाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी.
इन बिन्दुओं पर दिया गया है प्रशिक्षण
- मातृ स्वास्थ्य
- नवजात शिशु स्वास्थ्य
- प्रजनन स्वास्थ्य
- बैसिक नर्सिंग प्रोसिजर
- स्किल एसेस्मेंट
- हाथ धूलाई की विधि
- मेडिकल कचरा निस्तारण
- पीपीई कीट
- माता की देखभाल
प्रसव पूर्व जांच की गुणवत्ता में सुधार
केयर इंडिया के डीटीओ-एफ डॉ. रविश्वर ने बताया प्रशिक्षण के उपरांत इन नर्सों के प्रसव पूर्व जांच के तरीकों में सुधार आया है तथा वह सटीक रक्तचाप मापना, नब्ज जांच, एनीमिया प्रबंधन एवं गर्भवती माताओं का वजन मापना इत्यादि सही तरीके से कर रहीं हैं। साथ ही माता की गर्भावस्था एवं नवजात के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की जटिलता को अब सरलता से चिह्नित कर उसका सही प्रबंधन कर रही हैं। अपने प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दवाओं का सही तरीके से प्रबंधन करते हुए जरुरत के मुताबिक जिला से दवाओं की मांग कर रही हैं।
औक्सीटोक्सिन इस्तेमाल पर जागरूकता
अमानत ज्योति प्रशिक्षण में औक्सीटोक्सिन इस्तेमाल पर विशेष रूप से जानकारी दी गयी है। प्रसव के दौरान शिशु जन्म में शीघ्रता के लिए औक्सीटोक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सक इसके इस्तेमाल में बेहद सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। इसके इस्तेमाल से माता की जान भी जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए अमानत प्रशिक्षित नर्स माताओं को औक्सीटोक्सिन के खतरों से भी अवगत कराते हुए इसका कम से कम इस्तेमाल कर रहीं हैं। सभी नई एएनएम को बैठक के दिन प्रशिक्षित नर्सों द्वारा व्यवहारिक सत्र आयोजित किया जा रहा है ताकि वह भी अपने कार्य कुशलतापूर्वक कर सकें।
मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है प्रशिक्षण का उद्देश्य
केयर इंडिया के डीटीएल संजय कुमार विश्वास ने बताया अमानत ज्योति कार्यक्रम के जरिये सभी सरकारी अस्पताल के व्यवस्था, गुणवत्ता और अस्पताल कर्मियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। पिछले दिनों इस कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल के डॉक्टर, एएनएम और जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया है ताकि प्रसव के दौरान आने वाली जटिल समस्याओं को पहचान कर उसको वे आसानी से हल कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल के लिए उन्हें तैयार किया जा रहा है, ताकि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।