….और जब एक हाथ मे कुरआन तो दूसरी हाथ मे गीता लेकर चुनावी जंग में धीरे-धीरे दम दिखाने लगे निर्दलीय प्रत्याशी रिज़वान

0
  • बड़हरिया के चुनावी मैदान में रिज़वान रूपी पहलवान के आने से त्रिकोणीय मुकाबला का संकेत !
  • रिजवान के आंखों से छलकते आंसुओं को देख क्षेत्र में बना है चर्चा का विषय

परवेज़ अख्तर/सिवान:
“मोहब्बत नाम ग़म का है शुरू आंखों से होती है।इसे पैदा किया दिल ने खत्म सांसो से होती है”!यह उक्त पंक्तियां किसी आशिक व माशुका का नहीं बल्कि वर्तमान समय में बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र में चल रही चर्चाओं पर सटीक बैठ रही है।किसी ने कहा है कि किसी इंसान को किसी इंसान के प्रति अगर सच्ची प्रीत हो जाए तो जरूर उसके आंखों से उसके प्रति आंसू छलक उठेंगे। इससे यह जाहिर होता है कि वह आपको खोना नहीं चाहता है।वह इंसान आपके हरेक सुख-दुःख में अपने दायित्व का निर्वहन करने का प्रयत्न करता है।आंखों से निकले आंसू के कतरा दूसरी तरफ यह भी चरितार्थ करता है कि वह आपके प्रति कितना भावुक है।कहीं न कहीं मोहब्बत उसके प्रति छलक रही है। उल्लेखनीय हो कि गुरुवार को कांग्रेस के चर्चित लीडर रिजवान अहमद बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने जाने के दौरान अपने घर की चौखट से लेकर लगभग 10 किलोमीटर तक अपनी आंखों से बहते जनसैलाब को नहीं रोक पा रहे थे।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

rizwan ahmad railly

उनकी आंखों से बहते जनसैलाब को देख साथ साथ चल रही कारवां के अधिकांश सदस्य भी अपनी-अपनी आंसुओं को नहीं रोक पाए।रिजवान अहमद के आंखों से आंसुओं की बहती बूंद को देख उनके सभी चहेते भी भावुक होते जा रहे थे।बार-बार उनके चहेते यह सवाल करने पर मजबूर थे कि आपकी आंखों से यह आंसू के कतरे क्यों निकल रहे हैं ? यह सवाल सुन सुनकर रिजवान अहमद और भावुक होते जा रहे थे।उनकी जुबान से सिर्फ यही निकल रहा था कि “बर्बाद करके मुझको सब हो गए किनारे, टूटा हुआ यह दिल किसको कहां पुकारे “! दूसरी तरफ उनके जुबान से यह भी बातें निकलने पर मजबूर था कि “मौत को ढूंढता फिरता हूं मैं अक्सर लेकिन,कोई कहता है कि मेरे वास्ते जीना होगा ” !

rizwan ahmad 2

 वह कौन है जिसके लिए जीने तक कि बातें कही गई

यहां बताते चलें  कि रिजवान अहमद अपनी हंसी खुशी वाली जिंदगी आवाम के हवाले लगभग 18 वर्ष पूर्व में ही कर दिए है।बहुत ही साधारण परिवार से वास्ता रखने वाले रिजवान का एक लगभग 4 वर्षीय पुत्र आमिर रिजवान है।जब हमारे संवाददाता ने रिजवान अहमद से उनके आंखों से छलकते आंसुओं के संदर्भ में विधिवत बातचीत की तो उन्होंने बताया कि लगभग 18 वर्षों से हमने सब कुछ न्योछावर आवाम के लिए कर डाला है।लेकिन हमेशा हम धनबल का शिकार होते चले आ रहे हैं।अंततः हमारी कैरियर बर्बादी के कगार पर है।लेकिन अपने पुत्र आमिर रिजवान की कैरियर के बारे में सोच- सोच कर मेरी आंखों से आंसुओं के कतरा थमने का नाम नहीं ले रहा है।

रिज़वान रूपी पहलवान के आने से त्रिकोणीय मुकाबला का संकेत !

इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान स्थिति यह है कि रिजवान रूपी पहलवान के आने से यहां दिन पे दिन लड़ाई और रोचक होते जा रहा है। सीवान ऑनलाइन न्यूज़ के सर्वेक्षण के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला का संकेत मिल रहा है !यहां बताते चलें कि रिजवान अहमद एक हाथ में कुरआन तथा दूसरी हाथ में गीता लेकर गंगा जमुनी तहजीब का नारा देकर चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं। हमारे संवाददाता के सर्वेक्षण के अनुसार नामांकन के पूर्व रिजवान अहमद से उतना लोग भावुक नहीं थे कि जितना नामांकन करने जाने के पश्चात उनके आंखों से छलकते आंसुओं को देखकर भावुक हो गए हैं।बहरहाल हाल चाहे जो अब देखना है कि विधानसभा क्षेत्र के लोग उनकी आंखों से निकलते आंसुओं का जवाब किस तरह दे पाते हैं या नहीं यह तो गर्व की बात है।

अब तक के सर्वेक्षण में तीन प्रत्याशियों के नाम के हैं चहुओर चर्चा

सीवान ऑनलाइन न्यूज़ के सर्वेक्षण में अब तक 3 प्रत्याशियों के नाम की चर्चा संपूर्ण विधानसभा के प्रत्येक गांव के गली-गली में गूंज रही है।लेकिन आम जनमानस किस को अपना नेता चुनेगी यह खुलकर बताने से सभी लोग इंकार कर रहे हैं।मतदाताओं की चुप्पी से यहाँ आकलन लगाना बहुत मुश्किल हो पा रहा है।यहां बताते चले कि निर्दलीय प्रत्याशी रिजवान अहमद के अलावा एनडीए गठबंधन की ओर से वर्तमान विधायक श्री श्याम बहादुर सिंह ,महागठबंधन की ओर से श्री बच्चा जी पांडे के अलावा प्रमुख रूप से आधा दर्जन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। करीब-करीब सभी उम्मीदवार अपने क्षेत्रों में सघन दौरा कर रहे हैं। मतदाताओं को अपने अपने तरकीब से अपनाने में सभी प्रत्याशी लगे हुए हैं।लेकिन मतदाताओं की चुप्पी से प्रत्याशी भी यह आकलन नहीं लगा पा रहे हैं। की वोटर किसके पक्ष में हैं या आगे किसके पक्ष में गोलबंद हो जाएंगे।