परवेज अख्तर/सिवान: आंदर प्रखंड के खेढाय निवासी बलिदानी जगन्नाथ प्रसाद की 33वीं पुण्यतिथि गुरुवार को उनके पैतृक गांव स्थित स्मारक पर मनाई गई। इस मौके पर उनकी प्रतिमा पर जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी तथा उनके जीवनी पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि जगन्नाथ प्रसाद महान बलिदानी थे। आजादी दिलाने में उनकी अहम भूमिका थी। सन 1936 में अंग्रेजों ने उन्हें आंदर से दरौली तक सगर में बांधकर ले गए थे, उसके बाद छपरा जेल में भेज दिया गया था।
जगन्नाथ बाबू जेल के अंदर 84 दिन भूख हड़ताल पर रहे। साथ ही पांच साल लखनऊ में मौलवी व बनारस में पंडित बनकर अपना जीवन व्यतीत किए थे। रजत जयंती पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिल्ली के लाल किला पर ताम्रपत्र देकर उन्हें सम्मानित किया था। उनके आदर्शों को आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रद्धांजलि देने वालों में मो. जावेद अहमद, कमलेश बैठा, वीरेंद्र श्रीवास्तव उर्फ छोटन, अंशुमन श्रीवास्तव, मीना श्रीवास्तव, सुमित श्रीवास्तव, लोकेश कुमार समेत सहित दर्जनों छात्र व ग्रामीण उपस्थित थे।