- कोरोना वायरस को लेकर डीपीओ ने जारी किया निर्देश
- गर्भवती महिलाओं का घर पर हीं होगा गोदभराई
- आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश
छपरा : जिले में पोषण पखवाड़ा के तहत आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविका हर घर दस्तक देंगी। घर-घर जाकर महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक करेंगी। दर-असल कोरोना वायरस को लेकर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया गया है। लेकिन इसी बीच पोषण पखवाड़ा का भी आयोजन किया जा रहा है। 8 से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा चलेगा। इस दौरान आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने पत्र जारी कर सभी सीडीपीओ व महिला सुपरवाईजरों को निर्देश दिया है कि पोषण पखवाड़ा के गतिविधियों को संचालित रखना है। ऐसे में सभी आगंनबाड़ी सेविका व आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चे के माता पिता व दादा-दादी को पोषण के बारे में जानकारी देंगी तथा बच्चों पौष्टिक आहार देने के लिए प्रेरित करेंगी। इस दौरान शौचालय के महत्व, स्वच्छ पेयजल का महत्व, स्वस्थ्य पौष्टिक खाना, खाने का महत्व, परिवार नियोजन की विशेषता, पोषण अभियान के चार मुख्य: घटक बौनापन, कमजोरी बच्चों की पहचान, एनिमिया व कम वजन वाले बच्चों की पहचान के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
लाभार्थियों के घर पर हीं होगा अन्नाप्राशन व गोदभराई कार्यक्रम
डीपीओ वंदना पांडेय ने सभी सीडीपीओ व महिला सुपरवाइजरों को निर्देश दिया है कि आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर गोदभराई व अन्नाप्राशन दिवस कार्यक्रम का आयोजन कराना सुनश्चित करेंगे। किशोरी मिटिंग कर सभी को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करेंगी।
गृह भ्रमण के उपरांत आईसीडीएस-कैस पर अपलोडिंग
डीपीओ वंदना पांडये ने कहा कि पोषण पखवाड़ा के दौरान सेविका व आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण करेंगी। जिसका प्रतिवेदन प्रति दिन आईसीडीएस-कैस एप्लीकेशन पर अपलोडिंग करेंगी। उसके महिला सुपरवाईजर के एलएस एप के माध्यम से उसका मूल्यांकन व अनुश्रवण किया जायेगा। जिसके बाद संपूर्ण कार्यों की सतत अनुश्रवण सीडीपीओ के द्वारा किया जायेगा। डीपीओ ने बताया कि महिला सुपरवाइजर भी गृह भ्रमण करेंगी। जिसमें मुख्यत: गर्भवती लाभार्थियों को फोकस कर परामदर्शी एवं प्रसव पूर्व देखभाल के बारे में जानकारी देते हुए गोदभराई के गतिविधियों के साथ कमजोर बच्चों को एनआरसी में भेजने के लिए प्रेरित करेंगी।
पोषण के पांच सूत्रों पर करेंगी जागरूक
पोषण पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए पांच सूत्र तैयार किया गया है। जिसमें पोषण त्योहार से व्यवहार परिवर्तन के लिए पोषण के पाँच सूत्र दिये गए हैं। जिसमें जीवन के पहले 1000 सुनहरे दिन, पौष्टिक आहार, अनीमिया प्रबंधन, डायरिया रोकथाम एवं स्वच्छता को शामिल किया गया है। पखवाड़े के दौरान पोषण के पाँच सूत्रों पर विशेष जन-जागरूकता बढाई जाएगी।