परवेज अख्तर/सिवान:- जिले के खड़ौली गांव निवासी धनेश्वर यादव के पुत्र अनिरुद्ध यादव का शव इराक से बुधवार को जब गांव पहुंचा तो परिजनों के चीत्कार से पूरा गांव गमगीन हो गया। अनिरुद्ध यादव(42) गत फरवरी माह में नौकरी करने इराक के सुलेमानिया शहर में गया था। सुलेमानिया के एयर स्टील कंपनी में 10 अगस्त को भट्ठी फटने से ब्लास्ट हुआ जिसमें यूपी एवं बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के तीन युवकों की मौत हो गई थी,इसमें गुठनी के खड़ौली निवासी अनिरुद्ध भी शामिल था। इस घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि अनिरुद्ध की मौत इलाज के क्रम में 17 अगस्त को हुई। मौत की खबर सुनकर खड़ौली गांव में पूरी मायूसी सी छा गई थी। जब बुधवार को शव आया तो मानों पूरा गांव रो पड़ा। परिजनों के चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गईं। काफी संख्या में महिला-पुरुष एवं बच्चों की भी अनिरुद्ध के दरवाजे पर उमड़ पड़ी। ग्रामीण परिजनों को ढाढ़स बंधाने लगे थे। अनिरुद्ध चार भाइयों में सबसे छोटा था। उसके शव पहुंचते ही अपने को 18 दिन से संभाले रखी उसकी पत्नी प्रभावती शव देख बेहोश हो गई। जब-जब होश आता वह दहाड़ मारकर रोने लगती थी। उसके चीत्कार से वहां उपस्थित महिलाओं के आंखों से आंसू बहने लगता था।
परिवार की महिला सदस्यों से छुपाई मौत की जानकारी
अनिरुद्ध के चचेरे भाई किशोर यादव ने बताया कि 10 अगस्त को इराक से दुर्घटना की खबर आई थी और अनिरुद्ध के इलाजरत रहने की सूचना दी गई। हमलोग लगातार संपर्क में थे कि अचानक 17 अगस्त को उसकी मौत की सूचना मिली, इससे घर के पुरुष सदस्य काफी व्यथित हो गए, लेकिन इस घटना से महिलाओं से छुपा कर रखा गया। इराक के सुलेमानिया की एयर स्टील कंपनी में कार्यरत अनिरुद्ध के सहयोगी गांव के हीं जयप्रकाश यादव के साथ शव को भारत भेजने का प्रबंध किया गया। अनिरुद्ध के तीन बच्चे हैं।