जावेद खान/सिवान :- जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के शफी छपरा गांव निवासी राकेश पुरी की तीन वर्षीय पुत्री रागिनी कुमारी की मौत मंगलवार को हो गई। उसकी मौत का कारण परिजन पागल कुत्ते के काटने और सरकारी अस्पताल से एआरवी की दवा नहीं मिलने को बता रहे हैं। परिजनों ने बताया कि रागिनी कुमारी को एक अगस्त को पागल कुत्ता ने काट लिया था। उसे इलाज के लिए बड़हरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जेपी प्रसाद ने सूई की अनुपलब्धता बता सदर अस्पताल जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यहां कुछ माह से रैबिज की सूई उपलब्ध नहीं है। तब पीड़ित बच्ची को सदर अस्पताल लाया गया। मृतका की मां सुनीता देवी, चाचा राजा पुरी ने सदर अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों पर इलाज नहीं करने और रैबिज सूई नहीं है कहकर अस्पताल से भगा देने का आरोप लगाया। मृतिका की मां सुनीता देवी ने कहा कि मेरी बेटी को पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिसको रैबिज की सूई देनी जरूरी थी, लेकिन सूई नहीं मिली। सदर अस्पताल में बच्ची का रजिस्ट्रेशन भी किया गया, जिसकी संख्या 61918 एफ 18104 है। राजा पुरी ने कहा कि सदर अस्पताल के कर्मियों से सूई मांगी तो सूई न होने की बात कहकर अस्पताल कर्मियों ने बाहर निकाल दिया। गरीबी की मार झेल रही बच्ची को लेकर घर लौटने के क्रम में बच्ची की मौत हो गई। इस घटना को सुनकर भाजपा के किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल गिरि ने कहा कि सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों का दोष है। यदि बच्ची का इलाज हुआ तो उसकी मौत नहीं होती। इसे सरकार से अवगत कराया जाएगा
नहीं मिला समय पर एआरवी, इलाज के अभाव में बच्ची की मौत
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