- योग्य दंपतियों के साथ परिवार नियोजन पर हुई चर्चा
- नवजात शिशुओं को देखभाल करने के लिए किया प्रेरित
- प्रसव पूर्व व प्रसव के बाद बरते जाने वाली सावधानियों के बारे में दी जानकारी
छपरा: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को आमजनों तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ता मजबूती के साथ अपना कर्तव्यों का निवर्हन कर रही है। कई चुनौतियों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को आमजनों तक पहुंचा रही है। इसी कड़ी में दरियापुर प्रखंड के मोहम्मदपुर गांव में आशा फैसलिटेटर रीता देवी ने गांव की महिलाओं के साथ बैठक की। बैठक में आशा ने स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान आशा ने योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी तथा परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। महिलाओं को जानकारी दी गयी कि बेटी हो या बेटा, दो हीं अच्छे है। आज के परिवेश में दो से अधिक बच्चों का सही तरीके पालन पोषण करना बहुत मुश्किल है। इसलिए हम दो, हमारे दो कार्यक्रम को आत्मसात करते हुए परिवार नियोजन के साधनों को अपनाएं। ताकि बेहतर भविष्य की परिकल्पना को पूरा किया जा सके।
नवजात शिशुओं की देखभाल की जानकारी
आशा फैसलिटेटर रीता देवी ने बैठक में सभी महिलाओं को बदलते मौसम में नवजात शिशुओं का विशेष देखभाल करने की जानकारी दी। उन्होने कहा कि शिशुओं को सिर्फ माँ का हीं दूध पिलाएं। ऊपर से दूध नहीं पिलाएं इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ठंड को देखते हुए बच्चो को गर्म कपड़ो में लपेट कर रखें। माँ भी अपना विशेष रूप से ख्याल रखें। संभव हो तो माँ गर्म पानी से हीं स्नान करें। ताकि जज्चा और बच्चा दोनों का स्वास्थ बना रहें।
पोषण सबंधित की गयी चर्चा
बैठक में गर्भवती महिला, किशोरियो व छह माह से उपर के बच्चों के पोषण से संबंधित जानकारी दी गयी। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून की कमी होती है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान प्रभावी रूप से सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है एवं इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी अंकुश लागने में सफलता मिल रही है।
गर्भवती महिला व नवजात शिशु का टीकाकरण जरूरी
गर्भावस्था में महिलाओं को नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व चार जांच के साथ ही टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखना चाहिए. प्रसव के बाद नवजात शिशुओं को भी नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए। टीकाकरण शिशुओं को बहुत सी गंभीर बीमारियों से बचाकर रखता है. टीकाकरण की विस्तृत जानकारी के लिए कोई भी महिला अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम से सम्पर्क कर सकती हैं।
कोविड-19 के इन नियमों का पालन करना जरूरी है
- अस्पताल जाने के लिए बिना मास्क के घर से बाहर न निकले
- अस्पताल में टीका दिलाते समय शारीरिक दूरी का पालन करें
- टीका दिलाते समय बच्चों को अपने गोद में रखें
- छोटे बच्चों को नियमित रूप से समय-समय पर हाथ धोने के लिए प्रेरित करें
- घर में बाहर से आने वाले लोगों से बच्चों को दूर रखें