… कई ओलमा व सोअराओं ने लिया भाग
परवेज़ अख्तर/सिवान
“जन्नत की आरजू में कहां जा रहे है लोग,
जन्नत तो कर्बला में खरीदा हुसैन ने,
दुनिया-ओ-आखेरत में रहना हो चैने सूकून से, तो जीना अली से सीखे और मरना हुसैन से”!
जिले के जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के तरवारा अंसारी मोहल्ला में सोमवार की रात आयोजित शहीदे आजम कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें दूर-दराज से ओलेमा एवं सोअराओं ने भाग लिया। कांफ्रेंस काे संबोधित करते हुए हाफिज व कारी अहमद रजा साहब ने कहा कि जो अल्लाह की राह में शहीद हो उन्हें आप मुर्दा गुमान नहीं कर सकते है, क्योंकि अल्लाह की तरफ से रिज्क पाते हैं।”कत्ले हुसैन अस्ल में मरगे यज़ीद हैं, इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद’!मुफ्ती सुल्तान रजा ने कहा कि आप अगर हसन हुसैन के दीवाने हैं तो बेसहारों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करें। इमाम हसन हुसैन ने दुनिया वालों को एक अच्छा संदेश दिया है।
उन्होंने हुसैनी होने के नाते सबूत दिया कि तुम भूखे को खाना खिलाओ, प्यासे को पानी व शरबत पिलाओ, गरीबों को कपड़े पहनाओं एवं उनका सहारा बनो। इस दौरान मशहूर शायर सोहराब कादरी ने अपने नाते पाक में पढ़ा कि “फातमा का लाडला शिमते नबी सजदे में है, मौत थर-थर कांपती है जिनकी सर सजदे में है,रात छोटी पड़ गई अल्लाह की इबादत में, मुस्तफा की बेटी लाडली सजदे में है !शायर तौसीफ रजा सिवानी ने अपने नात में पढ़ा”दिन का परचम लहराया अली के लाल ने, घर का घर लुटाया है अली के लाल ने”!जलसे की नकाबत मौलाना गुलाम सरवर एवं हाफिज एजाज ने की, जबकि जलसे की सेदारत हाजी मोहम्मद अली साहब ने की। शहीदे आजम कॉन्फ्रेंस को सफल बनाने में कमेटी के सदस्य अब्दुल करीम रिजवी, मुन्ना राय, इफ्तेखार अली उर्फ सोनू बाबू, जफर इकबाल उर्फ नन्हें, फैयाज सैफी उर्फ गोल्डेन बाबू,सद्दाम अंसारी, महफूज अंसारी, जुल्फिकार अली, लड्डन अंसारी,सब्बीर अंसारी, हफीज सैफी, अरमान अली, जुनेद अंसारी,इरफान अंसारी, इरफान उर्फ मिस्टर अंसारी, मकसूद सैफी, नबी हुसैन मंसूरी,शमशेर साई, नाजिम अंसारी, शमशाद मंसूरी ,नेयाज सैफी, शाकिब मल्लिक,तौसीफ रज़ा,मोजाहिद रज़ा उर्फ रोमी सरकार,शमीम अंसारी उर्फ लाल बाबू,अफजल अंसारी,जरुद्दीन मंसूरी,रहीमूल्लाह सैफी, अरमान अंसारी,शाकिब खान उर्फ शिबू ,दिलजान अंसारी,आदि शामिल थे।