औरंगाबाद में एक बार फिर महिला पर अत्याचार की शर्मनाक कहानी लिखी गयी है। जिले में जीविका से जुड़कर काम करने वाली महिला कर्मी की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। उसका शव शुक्रवार की देर शाम बरामद किया गया था। शनिवार को शव के साथ लोगों ने प्रदर्शन किया। सदर अस्पताल के समीप शव को रखकर सड़क जाम कर दी गई।
राजद नेता रमेश यादव, जिला परिषद सदस्य अनिल यादव, धर्मेंद्र कुमार यादव, उदय उज्जवल सहित अन्य लोगों ने बताया कि महिला फेसर थाना क्षेत्र के फतेहा गांव की रहने वाली थी। वह जीविका दीदी की सीएम के रूप में कार्य कर रही थी। 18 नवंबर की शाम 4:30 बजे वह अपनी ननद के साथ रफीगंज गई। वहां से वे लोग ट्रेन से वापस मुंबई लौट रहे थे। भीड़ होने के कारण ननद रफीगंज स्टेशन पर ही छूट गई थी। महिला कर्मी ननद को लाने के लिए रफीगंज लौटी लेकिन उसके बाद उसका कोई पता नहीं चला।
शुक्रवार की शाम 6 बजे पुलिस को एक अज्ञात शव गरवा गांव के समीप से मिला जिसके बाद उसकी पहचान की गई। परिजनों ने कहा कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है और उसके बाद लाश को यहां लाकर फेंक दिया गया। उनलोगों की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।
हंगामे की सूचना पर सदर एसडीपीओ गौतम शरण ओमी, नगर थाना के दारोगा मनोज तिवारी और अन्य पुलिस अधिकारी यहां पहुंचे। लोगों को समझाने बुझाने के बाद जाम समाप्त कराया गया। औरंगाबाद के एसपी कान्तेश कुमार मिश्र ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया है। महिला किसी काम से रफीगंज गई थी और वहां से लौटने के दौरान उसका कुछ पता नहीं चल रहा था। इसके बाद महिला की लाश मिली है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। परिजनों के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। प्रारंभिक छानबीन में हत्या के कारणों का पता नहीं चला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।