पटना: मुख्यमंत्री आज जनता दरबार में लोगों की फरियाद सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गंभीर बीमारी से जूझ रहे अयांश के माता पिता मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे जहां उनको मिलने की इजाजत नहीं मिली, जिसके बाद वह जनता दरबार के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं..
गंभीर बीमारी से जूझ रहे आयांश के माता-पिता मुख्यमंत्री से अपने बेटे को बचाने की गुहार लगा रहे हैं अयांश के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले 1 महीनों से जनता दरबार में सीएम से मिलने की प्रक्रिया हमने ऑनलाइन की बावजूद आज तक कोई जवाब नहीं मिला जिसके बाद आज हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जनता दरबार में मिलने पहुंचे हैं.. आई एम के पिता ने कहा कि हमारे बेटे की जिंदगी बचाने के लिए काफी कम समय हमारे पास है इसलिए हम प्रक्रिया का इंतजार ना कर सीएम से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं हालांकि उनको अभी मिलने की इजाजत नहीं मिली है..जिसके बाद बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं…
अयांश के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार पर मुझे भरोसा है विश्वास है कि हमारे बेटे आया उसकी जिंदगी बचाने में सीएम मुझे बहुत मदद करेंगे हालांकि उनके पिता ने कहा 6 करोड़ रुपए अभी तक क्राउड फंडिंग के माध्यम से जमा किए हैं लेकिन अभी भी 10 करोड़ की आवश्यकता है जो हमारे लिए काफी कठिन है ..ऐसे में हम सीएम नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं कि समय बहुत कम है, हमारे बेटे को बचा लें…
पटना में रहनेवालें नेहा सिंह और आलोक सिंह के 11 माह के बेटा अयांश स्पाइल मस्कुलर डिस्ट्राफी नाम की बीमारी से जूझ रहा है। लाखों में से एक व्यक्ति में से किसी एक में यह बीमारी होती है। भारत में अब तक इसका कोई इलाज नहीं है। सिर्फ अमेरिका में ही इसका इलाज हो सकता है। इलाज के लिए एक इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है। जिसकी कीमत 16 करोड़ बताई गई है।
अब मध्यमवर्गीय परिवार इतने पैसे की व्यवस्था नहीं कर पाया तो सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई। देखते ही देखते अयांश के लिए लोगों ने मदद के हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए। यहां तक कि पाटलीपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें मदद की मांग की है। उनका कहना है कि मदद के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगाई गई है।
बता दें बीते सप्ताह जनता दरबार के दौरान अयांश के इलाज को लेकर मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया था कि सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है, जिसके तहत बच्चे के इलाज के लिए कोई मदद की जा सके। हालांकि इसके बाद भी परिवार को उम्मीद है कि सरकार उनकी मदद करेगी और छोटे से अयांश लंबी जिंदगी जी सकेगा।