परवेज अख्तर/सिवान: बड़हरिया देश के नामचीन कथाकार व साहित्यकार मुंशघ प्रेमचंद की जयंती के मौके पर प्रखंड के करबला बाजार में मशहूर शायर जफ़र रानीपुरी की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी व कवि सम्मेलन सह मुशायरे का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के आयोजक जबीउल्लाह अंसारी ने आगंतुक कवियों व वक्ताओं का स्वागत करते हुए मुंशी प्रेमचंद की उर्दू की रचनाओं व उनकी उर्दू से मुहब्बत पर रोशनी डाली. उन्होंने कहा कहा कि समाज की तमाम विसंगतियों, बुराइयों व खाइयों को खत्म करने की सोच हम सबको उद्वेलित व आंदोलित करती है व उनकी यही छटपटाहट कथाकार मुंशी प्रेमचंद को कालजयी व प्रासांगिक बनाती है. आज के दौर में समाज उनकी आवश्यकता महसूस करता है. इस मौके पर साहित्यकार डॉ इरशाद अहमद की ताज़ा किताब ”सीवान के लेखक व कवि-1, हिंदी-उर्दू शायर विपिन कुमार शरर का काव्य संग्रह ”लफ्ज़ों की धड़कन” व मशहूर शायर ज़फ़र रानीपुरी के ग़ज़ल संग्रह ”एहसास का सफर” का लोकार्पण विशिष्ट अतिथि डॉ अशरफ अली व डॉ ज़ाहिद अली के हाथों से हुआ.
वहीं साहित्यकार मुहम्मद शाहिद ने प्रेमचंद के उपन्यास निर्मला के कथ्य व शिल्प पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उनकी शिल्पकला आज भी कोई शानी नहीं है. साहित्यकार डॉ इरशाद अहमद ने मुंशी प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी कहानियों की वर्तमान समय में सार्थकता व प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें शायर मोइज बहमनबरवी, एहसानुल्लाह एहसान, ज़की हाशमी जकी, नूर सुल्तानी, मेराजुद्दीन तिशना, मजाहिया शायर परवेज़ अशरफ़ व विपिन कुमार शरर ने अपनी-अपनी रचनाओं से खूब वाहावाहियां लूटीं. मंच का संचालन शायर डॉ समी बहुआरवी ने सफलता पूर्वक किया. आयोजक जबीउल्लाह अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.