- 17 फरवरी को मौसी के घर जाने की बात कह निकला था आजाद, घर नहीं लौटने पर स्वजन थाने में लगा रहे थे गुहार
- घटनास्थल दूसरे थाने की बता पुलिस झाड़ती रही पल्ला
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के पकड़ी गांव स्थित दाहा नदी छठ घाट के पास रविवार को एक युवक का शव पानी में उपलाता हुआ बरामद किया गया। शव की पहचान गौसी हाता निवासी रियाजुद्दीन अंसारी के पुत्र आजाद अंसारी के रूप में की गई है। शव मिलते ही ग्रामीणों ने बड़हरिया-मीरगंज मुख्य मार्ग स्थित बदरजीमी पुल के पास सड़क जाम कर दिया तथा पुलिस प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन करने लगे। बाद में पुलिस व बु्द्धिजीवियों के समझाने-बुझाने के बाद सड़क जाम खत्म हुआ तथा पुलिस शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना के संबंध में बताया जाता है कि गौसीहाता निवासी आजादी अंसारी 17 फरवरी को मीरगंज थाना क्षेत्र के राजघाट अपनी मौसी के घर जाने की बात घर से निकला था।
जब शाम तक घर नहीं लौटा तो स्वजनों को चिंता हुई। स्वजन थाने में गुमशुदगी का आवेदन देने पहुंचे पुलिस द्वारा घटनास्थल मीरगंज थाना क्षेत्र बताकर मीरगंज थाना जाने को कहा गया। मीरगंज थाना जाने पर पुलिस द्वारा बड़हरिया थाना क्षेत्र बताकर लौटा दिया गया। इससे निराश स्वजन युवक का पता लगाने में जुटे हुए थे तभी रविवार को पकड़ी गांव स्थित दाहा नदी छठ घाट पर ग्रामीणों ने पानी में उपलाता एक युवक का शव देखा। शव मिलने की सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। ग्रामीणों ने शव की पहचान गौसीहाता निवासी रियाजुद्दीन अंसारी के पुत्र आजाद अंसारी के रूप में की। शव मिलने की सूचना पर स्वजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बड़हरिया-मीरगंज मुख्य पथ स्थित बदरजीमी पुल के पास सड़क जाम कर दिया तथा पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे।
ग्रामीण वरीय पुलिस पदाधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीण व स्वजनों का कहना था कि घटना की सूचना देने के बावजूद बड़हरिया एवं मीरगंज थाने की पुलिस एक-दूसरे क्षेत्र का हवाला देकर आवेदन लेने से इन्कार कर दिया। यदि पुलिस आवेदन के बाद कार्रवाई की होती है तो आजाद की हत्या नहीं होती। शव देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि युवक के साथ मारपीट कर उसकी हत्या की गई है। युवक के शरीर पर सिर्फ अंडरवियर और जैकेट था तथा मुंह और नाक से खून निकलता हुआ दिखाई दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुअनि पंकज पांडेय, राजकुमार कश्यप दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तथा आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण शव उठाने से मना करते हुए वरीय पदाधिकारी की बुलाने की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद थानाध्यक्ष पंकज कुमार, शैलेश सिंह, शशि भूषण सिंह, आफताब आलम दलबल के साथ पहुंचे।
इस दौरान ग्रामीण व पुलिस प्रशासन में कुछ देर तक बहस हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर अनदेखी तथा दलालों के इशारे पर काम करने का आरोप लगा रहे थे। पुलिस का कहना था कि यदि पुलिस कार्रवाई करती तो आजाद की जान बच सकती थी। स्थानीय बुद्धिजीवियों व पुलिस पदाधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद सड़क जाम खत्म हुआ। पुलिस शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने ग्रामीणों के आरोप को निराधार बताया तथा शीघ्र ही मामले का उद्भेदन कर आरोपितों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि इस घटना की जांच के लिए तकनीकी टीम को भी लगाया जाएगा। इस घटना में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।