कई लोगों के दरवाजे पर पहुंचा पानी, बीडीओ ने कराया केवाड़ा बंद
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के बड़हरिया प्रखंड के महल व बहादुरपुर गांव के समीप शुक्रवा की रात से अब तक कई जगहों पर नहर का बांध टूटने से सैकड़ों में एकड़ में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है। दर्जनों किसानों को लाखों की क्षति होने का अनुमान है। बताया जाता है कि इसमें करीब 50 एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है जबकि इससे अधिक एकड़ में लगी फसल जलमग्न हाे गई है। वहीं बहादुरपुर निवासी अनित साह के घर करीब एक फीट पानी प्रवेश कर गया है जबकि नईम मियां, ध्रुव महतो, अकलू महतो, बुधन महतो, गोधन महतो, चौधरी महतो और महल निवासी सत्यनारायण यादव, फूलना यादव के घर के दरवाजे पर पानी पहुंच गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे गांव में अफरातफरी का माहौल कायम हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस नहर बांध में चूहों द्वारा कई जगह छिद्र कर दिया गया था, इसी छिद्र से करीब एक माह से पानी धीरे-धीरे रिसाव कर रहा था।
इसकी शिकायत ग्रामीण कई बार गंडक विभाग एवं प्रशासन से किए, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। कोई पदाधिकारी इसकी सुधि लेने तक नहीं आया। इसका परिणाम यह हुआ कि यह छिद्र धीरे-धीरे कटते-कटते बड़ा रूप धारण कर लिया और बांध को तोड़ते हुए पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर दिया। पूर्व सरपंच लुटवान महतो के बथान, सत्संग भवन के पास दर्जनों जगह नहर टूट चुका है, जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी लाखों की धान की फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाई जा रही है। ग्रामीणों का आरोप था कि नहर से पानी का रिसाव होने पर दर्जनों ग्रामीण इसकी सूचना देने गंडक कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन वहां गंडक विभाग का कार्यालय बंद था और कोई कर्मी मौजूद नहीं था, जिससे ग्रामीण वापस आ गए। इसकी सूचना बीडीओ को दी गई। सूचना मिलते ही बीडीओ प्रणव कुमार गिरि ने विभाग के कर्मियों को निर्देश देकर सत्यनाराण मोड़ स्थित मुख्य नहर के किंवाड़ को बंद करा दिया जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। ज्ञात हो कि यह नहर महल गंडक नहर के नाम से जाना जाता है। यह गोपालगंज के मांझा-भईसही से लालगढ़ हरिहरपुर नदी में मिलता जाता है।