परवेज अख्तर/सिवान: जिले के बड़हरिया प्रखंड में जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रहा है, लोग इसकी तैयारी तेजी से करने लगे हैं। इसको लेकर ग्रामीण अपने घरों व आसपास की साफ-सफाई के अलावा घरों की मरम्मत व रंग-राेगन में जुट गए हैं, वहीं कुम्हार भी मिट्टी के आकर्षक दीये एवं खिलौने बनाने में जुटे हुए हैं। वे प्रतिदिन मिट्टी के दीये को बना पकाने तथा बाजारों में बेचने में लगे हुए हैं। इस व्यवसाय में उनका पूरे परिवार का साथ मिल रहा है। इसको लेकर उनमें उत्साह देखने काे मिल रहा है।नूरा छपरा निवासी कुम्हार उमाशंकर पंडित ने बताया कि मिट्टी के दीये समेत अन्य सामान बनाना हमलोगों की परंपरागत पेशा है। वे सुबह से ही दोपहर तक मिट्टी के दीये, कलश, ढकना, घड़ा, कोसी, खिलौना आदि तैयार कर रहे हैं तथा इसे पकाने के बाद बाजारों में बेच रहे हैं।
इसे बेचने के लिए नूरा छपरा, मननपुर, इनायत छपरा, भामोपाली, बड़हरिया आदि गांवों में जाते हैं। उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद आस्था का महापर्व छठ पूजा की भी तैयारी चल रही है। यह मौका साल में एक बार आता है। इसी पेशा से परिवार का भोजन, बच्चों की पढ़ाई, शादी विवाह, इलाज का खर्च चलता है। उन्होंने बताया कि आधुनिकता भरी जीवनशैली की दौर में बाजार में चाइनीज व इलेक्ट्रानिक सामानों के आने से मिट्टी के दीपों की मांग कम हो गई है, इसके बावजूद परंपरागत तौर पर लोग मिट्टी के दीये व अन्य सामान खरीदना नहीं भुलते हैं। इन मिट्टी के दीयों से अपने घर का आंगन जगमग तो होता ही है, दूसरे के आंगन को भी जगमग हो जाता है।