परवेज़ अख्तर/सिवान:
सरयू व गंडक नदी में आई विनाशकारी बाढ़ किसानों के लिए नई रोशनी बनकर आई है। सरयू नदी के आसपास बसे गांवों में जहां-जहां बाढ़ का पानी गया है उन खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाने की उम्मीद है। सरयू नदी व उसकी सहायक छोटी गंडक से इस साल भारी मात्रा में जलकुंभी, शैवाल, चिकनी मिट्टी, कई तरह के रासायनिक खाद खेतों में आ गए हैं। खेतों से जैसे ही बाढ़ का पानी निकलने लगा, खेतों का रंग कहीं भूरा तो कहीं हरा दिखाई देने लगा। किसानों का कहना है कि विगत 25 सालों में इस तरह की कोई मिट्टी खेतों में नहीं आई है। सरयू नदी के सटे बलुआ, तिरबलुआ, खड़ौली, मैरीटार, योगियाडीह, पांडेयपार, श्रीकलपुर, सोनहुला में बाढ़ का पानी खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाया था, जिसमें मक्का, मूंगफली, बाजरा, अरहर, तिल की खेती का बाढ़ के वजह से काफी नुकसान हुआ था।
दियारा व नदी इलाकों में होगी इस साल बेहतर खेती :सरयू नदी द्वारा लाई गई बांगर मिट्टी या चिकनी मिट्टी से इस साल रबी की खेती अच्छी होने की उम्मीद है। किसानों की मानें तो बाढ़ का पानी भी तेजी से खेतों से निकल गया है, जिससे खेत बहुत पहले सुख जाएंगे और किसान गेहूं की खेती से पहले सरसों, राई, मक्का, तेलहन, सब्जी सब्जी एवं मौसमी फल पहले खेतों में लगा सकते हैं। इस साल सबसे ज्यादा गेहूं की खेती दियारा क्षेत्र में होने की उम्मीद है। दियारा क्षेत्र में गेहूं की खेती करीब एक हजार हेक्टेयर में होती है। नदी द्वारा लाई गई मिट्टी से किसानों को उर्वरक व पटवन की समस्या से निजात मिलेगी।
किसानों को मिलेगा सब्सिडी से गेहूं का बीज व खाद
रबी की खेती के लिए कृषि विभाग ने किसानों को सब्सिडी युक्त बीज देने का निर्णय लिया है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी दीनानाथ राम का कहना है कि इस साल नदी द्वारा लाई गई नई मिट्टी में गेहूं, सरसों, सब्जी, मौसमी फल की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। किसानों को समय से पहले बीज व कीटनाशक का वितरण कर दिया जाएगा। वहीं किसान ददन तिवारी, अजय प्रजापति, संदीप सिंह, अनिकेत सिंह, झुनझुन सिंह, डब्ल्यू तिवारी का मानना है कि इस साल रबी की फसल सबसे बढि़या फसल होने की उम्मीद जाहिर की है।जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार राव का कहना है कि रबी की फसल किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए नदी इलाकों के आस पास के प्रखंडों के किसानों को समय से सब्सिडी युक्त बीज उपलब्ध कराया जाएगा।