परवेज अख्तर/सिवान: रमजान को अल्लाह से अपने रिश्तों को और मजबूत करने का महीना माना गया है। इस महीने में कुरान पढ़ने, नमाज अदा करने, रोजा रखने के अलावा जकात और फितरा का विशेष महत्व माना गया है। उक्त बातें मौलाना नुरूद्दीन अंसारी ने कही। कहा कि इस महीने में इस्लाम को मानने वाले ज्यादातर लोग रोजे रखते हैं। इस महीने को बहुत पाक माना जाता है। रमजान के महीने में पैगंबर मोहम्मद के जरिए कुरान की आयतों को उतारा गया था।
इसलिए इस माह को कुरान का महीना भी कहा जाता है। माहे रमजान में अधिक से अधिक नेक काम करने का चलन है। कहा कि जकात का तात्पर्य दान करने से होता है। रमजान के पाक महीने में मुस्लिम के लिए जकात अदा करना जरूरी बताया गया है। जकात में हर मुसलमान को अपने पूरे साल की बचत का 2.5 फीसदी हिस्सा जरूरतमंद को दान करने के लिए कहा गया है। इस माह में जितना ज्यादा जकात करता है। उसके घर में उतनी ज्यादा बरकत आती है। रमजान माह में फितरा की रकम गरीबों बेवाओं व यतीमों को दी जाती है। ताकि ईद के दिन किसी के हाथ खाली न रहें।