परवेज अख्तर/सिवान: भगवानपुर हाट जिले में भीषण गर्मी से जन जीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। गर्मी के कारण किसानों के खरीफ की खेती पर ग्रहण लग गया है। किसान बेहाल हो भगवान इंद्र देव की आराधना करने में जुटे हैं। गर्मी के विकराल रूप का असर सीधे किसानों पर दिख रहा है। किसान नकदी फसल के रूप में केले की खेती को बढ़ावा देने में इधर कई साल से जुटे हुए थे। इस बार की गर्मी केले की बागवानी को भी अपने चपेट में ले झुलसा दिया है। किसान केले की बागवानी को कभी निहारते हैं तो कभी आसमान को। केले की कृषि करने वाले कृषक डा. एपी सिंह, वीरेंद्र सिंह, रंजीत सिंह बताते हैं कि इस बार की गर्मी का असर पूरी तरह केले की बागवानी पर पड़ा है।
उन्होंने बताया कि गर्मी के विकराल रूप धारण करने से केले की बागवानी सूखने लगी हैं। एक तरफ पानी के अभाव में किसानों के लीची, आम, साग-सब्जी, मूंग, तिल पर बुरा असर पड़ा है वहीं दूसरी ओर धान के बिचड़ा के लिए तैयार की गई नर्सरी में धूल उड़ रहे हैं। 43 डिग्री से अधिक तापमान होने तथा भयानक रूप से लू चलने से जंगली जीव जंतु भी परेशान हो गए हैं। नदी, तालाब सूखने से पानी के लिए नीलगाय, जंगली सूअर, कुत्ता, बंदर आदि गर्मी इधर-उधर भटकते देखे जा रहे हैं। दूसरे को छाया देने वाले पेड़ पौधे खुद मुरझाना शुरू कर दिए हैं। 10 दिन पूर्व गर्मी से राहत के लिए लोग बाग बगीचे में शरण लेते थे, अब केले की बागवानी के साथ-साथ अन्य पौधों के पते गर्मी के कारण मुरझा रहे हैं। मनरेगा के तहत कई जगह किए लगाए गए पौधे भी पानी के अभाव में सूख रहे हैं।