परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट भीषण गर्मी में सुख रहे गले को तरोताजा करने के लिए तथा प्यास बुझाने के लिए पानी के अलावा लोगों की पसंद तरबूज बन गया है।आषाढ़ माह की तपती धूप एवं कंठ सूखा देने वाली लू से निजात पाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ता एवं सरल उपाय तरबूज साबित हो रहा है। क्षेत्र में प्रखंड मुख्यालय बाजार सहित मलमलिया, माघर, चोरौली, मोरा, बाबा बाजार, विमल चौक सहित अन्य छोटे बड़े चौक-चौराहों पर दियरा क्षेत्र से बड़े पैमाने पर तरबूज पिकअप वैन, ट्रक एवं ट्रैक्टर से आपूर्ति हो रहा है जो शाम होते होते बिक जा रहा है।
तरबूज का महत्व तब दिखने लगता है जब मुख्य मार्ग एन एच 331 एवं ए एच 227 ए पर सवारी गाडि़यों से यात्री चढ़ने अथवा उतरने के बाद रुकते हैं तो सुख रहे गले को तरोताजा करने लिए यात्री तरबूज के दुकान पर तरबूज खरीद अपनी सुख रहे गले को तरोताजा कर सकून महसूस करते देखे जा रहे है । प्रखंड मुख्यालय बाजार के तरबूज के थोक एवं खुदरा विक्रेताओ ने बताया कि बढ़ती गर्मी में तरबूज की मांग बढ़ी है । मांग के अनुरूप आपूर्ति कम होने के कारण मंहगी दर पर तरबूज बेचने की बात कही। उन्होंने कहा कि तरबूज सारण, गोपालगंज जिले के दियरा क्षेत्र से लाई जाती है। उन्होंने बताया खड़ा तरबूज 10 रुपए प्रति किलो के दर से बेचा जा रहा है।