परवेज अख्तर/सिवान: जब-जब धरती पर पापियों का दबदबा बढ़ा है, राक्षसी प्रवृत्ति का उत्पात शुरू हुआ है तो धरती को पाप मुक्त कराने के लिए समय- समय पर भगवान विभिन्न रूपों में अवतार लेते हैं और इससे धरती को पापमुक्त कराते हैं। यह बात हिमाचल प्रदेश से पधारे रामकथा वाचक स्वामी राम शंकर महाराज ने सारीपट्टी गांव स्थित दुर्गा पूजा पंडाल परिसर में अपने सात दिवसीय कथा के दूसरे दिन बुधवार की शाम कही। उन्होंने भगवान राम के चारों भाइयों के जन्मोत्सव की कथा सुनाते हुए कहा कि जब संपूर्ण धरती राक्षसों के कारण त्राहिमाम कर रही थी, संतों के यज्ञ मंडप को विध्वंस कर दिया जा रहा था तब प्रभु राम ने राजा दशरथ के घर जन्म लिए।
साथ ही उनके तीन भाइयों में भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न का भी जन्म हुआ। भगवान राम के जन्म लेने की खुशी में तीनों लोक में उत्सव का माहौल हो गया था। भगवान राम के जन्म लेते ही धरती और आकाश में एक आशा की किरण दिखने लगी थी। उन्होंने कहा कि भगवान हमेशा भक्तों की रक्षा के लिए अवतार लेते हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपने संगीतमय कथा के माध्यम से सोहर, झूमर गीत भी प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि मानव को घमंड का सदैव त्याग करना चाहिए। भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम सर्व शक्तिमान होने के बावजूद भी तनिक भी घमंड नहीं करते। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम जपने मात्र से सभी तरह का संकट दूर हो जाता है। इस मौके पर काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।