परवेज अख्तर/सिवान: भगवानपुर हाट सखा (मित्र) हो तो द्वारिकाधीश कृष्ण एवं सुदामा जैसा। भगवान कृष्ण ने सखा का महत्व एवं पवित्रता का अपने जीवन में उदाहरण प्रस्तुत करते हुए संसार को यह बताने का काम किया कि मित्रता एक अटूट एवं पवित्र रिश्ता है। यह बात मैरी सलेमपुर स्थित ठाकुरबाड़ी में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा के अंतिम दिन मंगलवार की रात आचार्य अमित महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि संसार में भाई बहन, सखा का संबंध बड़ा ही श्रेष्ठ संबंध है। भगवान कृष्ण ने रिश्तों का जिस तरह से पालन किया है हमें भी उसका अनुशरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में मित्र एवं नारी को ऊंचा स्थान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने सखा सुदामा के आने की सूचना पर अपने एक राजा होने का मर्यादा को त्याग खाली पांव व्याकुलता से द्वार की ओर भागे चले आ तथा बिना किसी सोच के सुदामा से गले लग गए। कथा के अंतिम दिन सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, भाजपा जिला मंत्री अवधेश कुमार पांडेय, भाजयुमो नेता प्रभात कुमार सिंह उर्फ चंदन सिंह, विमल ठाकुर, विकास कुमार ने भागवत कथा में अपनी हाजिरी लगाई। सांसद ने आचार्य के निर्देश पर उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे बड़ा धर्म है। जहां धर्म की जय होती है वहीं हमारी विजय होती है। उन्होंने कथा में शामिल होकर अपने को भाग्यशाली कहा।