परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के जुआफर गांव में बुधवार की शाम स्वतंत्रता सेनानी बलिदानी शुभलाल प्रसाद का बलिदान दिवस बनाया गया। इस मौके पर उनके स्वजन व ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उनके समाधि पर दीप जलाए गए। बलिदानी के स्वजन विनय कुमार विनय ने बताया कि जनवरी 1929 में महात्मा गांधी महाराजगंज आए थे। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर युवा शुभलाल स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। 1930 के नमक सत्याग्रह में उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद, नारायण प्रसाद सिंह, ब्रजकिशोर सिंह सहित क्षेत्र के उन वीरों के साथ महाराजगंज, गोरेयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर आदि स्थानों की पैदल यात्रा कर लोगों के अंदर क्रांति का अलख जगाया जिससे वे अंग्रेजी हुकूमत के आंखों मे खटकने लगे।
1942 के भारत छोड़ों आंदोलन में उन्होंने अपने क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई। 16 अगस्त 1942 को अपने क्रांतिकारी मित्रों के साथ महाराजगंज थाना परिसर में तिरंगा फहराने का संकल्प लिया। देशभक्तों की टोली सिर पर कफन बांधकर आगे बढ़ रही थी। तभी तत्कालीन थाना प्रभारी क्रांतिकारियों के टोली पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, लेकिन देश भक्तों की टोली रुकी नहीं। वीर शुभलाल ने सीने पर सात गोलियां खाने के बाद भी थाना परिसर में तिरंगा फहराया और अपनी बलिदानी दे दी। उनका यह बलिदान हम सब के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया। आजादी के उपरांत उनके ग्राम जुआफर के बाबा बाजार पर स्मृति स्तंभ का निर्माण कराया गया। इस मौके पर राजू कुमार, आनंद कुमार, मिथिलेश कुमार, वरुण प्रकाश आदि ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।