परवेज अख्तर/सिवान: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज कार्यक्रम के तहत सोमवार को माघर में मिश्र जी के मिल के पास एक जनसभा आयोजित हुई. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वे बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए समाज में सही लोगों को ढूंढ़ने निकले हैं.वे सही लोग, सही सोंच व सामूहिक प्रयास के साथ काम करने के उद्देश्य से यात्रा कर रहे हैं. वे दो अक्टूबर गांधी जी के जन्मदिन को चम्पारण से करीब तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करेंगे. यह यात्रा करीब डेढ़ वर्ष तक चलेगी. इस दौरान वे पूरे बिहार की यात्रा कर सही लोगों को समाज में ढूंढ़ने का प्रयास करेंगे. संयुक्त राष्ट्र संघ में दस वर्षों तक काम करने तथा अन्य कई देशों में काम करने के बाद वर्ष 2011 में उनकी नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई.
उन्हें वर्ष 2011 से 2021 तक ग्यारह चुनावों में काम करने का मौका मिला. 2017 में यूपी के चुनाव को छोड़ शेष सभी चुनावों में उनके सहयोग से पार्टियों ने जीत हासिल की. उन्होंने कई नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने में सहयोग किया. वर्ष 2015 में बिहार में एक दूसरे के विरोधी रहे लालू यादव, नीतीश कुमार व कांग्रेस को जोड़ा और वे महागठबंधन को जीत दिलाने में कामयाब रहे. उन्होंने अपने को किसी पार्टी का सलाहकार या रणनीतिकार होने की चर्चा को लेकर कहा कि कोई किसी का सलाहकार या रणनीतिकार नहीं होता, इसके लिए आपको एक-एक ईंट जोड़नी पड़ती है. लेकिन वर्ष 2021 के बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को जीत दिलाने में सहयोग करने के बाद उन्होंने जीवन में यह काम नहीं करने का निर्णय लिया है.
वे बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने में लगे हैं. सभा का आयोजन प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष मनमोहन मिश्र के नेतृत्व में किया गया. इसकी अध्यक्षता रिटायर्ड डायरेक्टर डॉ. नंदकुमार मिश्र ने की. उन्होंने बिहार में शिक्षा, खेती, स्वास्थ्य की बिगड़ती व्यवस्था की चर्चा की.श्री किशोर के माघर पहुंचने पर मुखिया मनमोहन मिश्र के नेतृत्व में बाइक के काफिले और बैंड बाजे के साथ स्वागत किया गया.मंच पर उन्हें बड़ा माला पहनाकर स्वागत किया गया .मौके पर प्रमुख हरेन्द्र पासवान, मुखिया वर्मा साह, राजेन्द्र सिंह, जिला पार्षद फजले अली, प्रिंसिपल ब्रजकिशोर सिंह, विभाकर पांडेय, सोनू सिंह, ममेन्द्र राय, फिरोज हुसैन, सत्येंद्र राम, अंगद मिश्र, आनंद प्रभाकर, मुकेश कुमार, नवीन सिंह, तरुण पांडे, बंटी पांडे थे.