✍️परवेज अख्तर/सिवान: भगवानपुर हाट कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा मीरजुमला गांव में शुक्रवार को मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर तीन दिवसीय ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर पौधा संरक्षण विषय वस्तु विशेषज्ञ, डा. नंदीशा सी. वी. ने आयस्टर और बटन मशरूम के उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तृत जानाकरी दी। प्रशिक्षुओं को मशरूम उत्पादन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए व्यवहारिक रूप से भी मशरूम बैग बनवाते हुए प्रायोगिक सत्र का आयोजन भी किया गया। इस प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा मशरूम का स्पॉन, पालीथिन बैग आदि भी किसानों को उपलब्ध कराया गया।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष सह वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. अनुराधा रंजन कुमारी ने कहा कि सर्दियों में मशरूम उत्पादन आसानी से किया जा सकता है और धान की पुआल का सही उपयोग कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम एक ऐसी कृषि है जिसके लिए जमीन की जरूरत नहीं है। इसका उत्पादन महिलाओं द्वारा अपने घर में किया जा सकता है। मशरूम की मांग काफी है। उत्पादन को बेचने के लिए व्यापक पैमाने पर बाजार उपलब्ध है। इसके सेवन से प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में मिलता है। इस प्रशिक्षण में नंद कुमार, संगीता देवी, विनोद कुमार, जगरौशन, अरविंद कुमार सहित 35 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।