परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से संचालित हो रहे वाटर प्लांट बिना किसी मानक के बंद बोतल पानी की आपूर्ति होटल, घर-घर व शादी समारोह समेत अन्य कार्यक्रम में कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस बंद बोतल पानी की आपूर्ति वाटर प्लांट के संचालक द्वारा अपने निजी माल वाहन से पहुंचाया जाता है। 20 लीटर वाले बोतल में पानी मोटर के जरिए भर कर क्षेत्र में आपूर्ति की होड़ मची है। क्षेत्र में संचालित हो रहे वाटर प्लांट के किसी भी संचालक के पास किसी भी प्रकार का लाइसेंस नहीं है। सभी संचालक अवैध रूप से बोरिंग कर पानी की निकासी कर क्षेत्र में आपूर्ति करते हैं। क्षेत्र में वाटर प्लांट के संचालन तथा इस व्यवसाय से पानी का लेबल नीचे भागने की संभावना काफी बढ़ गई है।
जहां-जहां वाटर प्लांट संचालित हो रहे हैं उस जगह वाटर लेबल कम हो गया है जिससे आस पास के घरों में लगे चापाकाल सूखने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर बोतल बंद बिक रहे पानी की शुद्धता एवं गुणवत्ता की जांच करने वाला कोई नंही है। आम लोग मिनरल वाटर के नाम पर खूब ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह बंद बोतल का पानी सिर्फ लोगों के घरों में ही आपूर्ति होती है। अब तो सरकारी कार्यालयों में भी इसी बंद बोतल का पानी की आपूर्ति होती है जिसे अधिकारी से कर्मचारी तक पी रहे हैं, लेकिन किसी भी अधिकारिक स्तर पर कभी भी इन बंद बोतलों में मिलने वाले मिनरल्स, आयरन, टीडीएस आदि सही होने की जानकारी तक रखने की जरूरत नहीं समझते।
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. प्रमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्राकृतिक रूप से मिलने वाले पीने के पानी में सभी प्रकार के आवश्यक तत्व मिलते हैं,लेकिन आरओ से मिलने वाले पेयजल पीने से शरीर को धीरे-धीरे गठिया, जोड़ों का दर्द, नस संबंधी बीमारी, चिरचिरापन आदि रोग होने लगते हैं। आरओ के पानी में खनिज लवण जैसे आयरन, पोटैशियम, मैगनीज, मैग्नेशियम, कैल्शियम सहित अन्य घुलनशील लवण नहीं मिलते जो शरीर को धीरे- धीरे बीमार बना देता है। बीडीओ मुकेश कुमार यादव ने कहा कि क्षेत्र में अगर बिना लाइसेंस व मानक के चल रहे वाटर प्लांट की शिकायत मिलने पर कर्रवाई की जाएगी।