पटना: भोजपुर के एक प्लस टू हाई स्कूल से है जहां अपने पदाधिकारी को स्कूल में देखते हीं एक शिक्षक भागकर एक कमरे में छिप गये और कमरे में भीतर से ताला बंद कर लिया। ऑफिसर के रहते हुए शिक्षक नही निकले अंत में पदाधिकारी कार्रवाई करने की बात करते हुए लौट गये। उनके औचक निरीक्षण में कुछ भी सही नही मिला। मामला प्लस टू हाई स्कूल कातर हसन बाजार का है।
दरअसल प्लस टू उच्च विद्यालय कातर हसन बाजार में शुक्रवार को बीईओ ने रघुनंदन चौधरी ने औचक निरीक्षण किया। स्कूल में एक गुरुजी मैट्रिक व इंटरमीडिएट का परीक्षा फॉर्म भरने और 11वीं में नामांकन के लिए निर्धारित दर से अधिक वसूली कर रहे थे। इस दौरान अचानक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पहुंच गए। बीईओ को अचानक विद्यालय में देखकर अवैध वसूली कर रहे गुरुजी के होश उड़ गए। ऐसे में कार्रवाई से बचने के लिए गुरुजी विद्यालय के एक कमरे में छिप गए और अंदर से ताला बंद कर लिया। और बार बार कहने के बावजूद अधिकारी के रहने तक कमरे से नही निकले।
इन्टर के एडमिशन और मैट्रिक के परीक्षा फॉर्म भरने में होती है उगाही
वहां मौजूद छात्र-छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने शिक्षक ऋषिमुनि सिंह को नामांकन व फॉर्म भरने की जिम्मेवारी सौंपी है। लेकिन, वे नामांकन व फार्म भरने का शुल्क ज्यादा वसूल रहे हैं। वहीं इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा का फॉर्म भरने में भी अधिक राशि वसूली जा रही है। इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची तो उन्होंने फौरन बीईओ रघुनंदन चौधरी को सत्यापन के लिए भेज दिया। उन्हे देखते हीं एडमिशन कर रहे गुरु जी भाग खड़े हुए और एक कमरे में बंद हो गये। मौके पर पहुंचे बीईओ ने विद्यालय में कुव्यवस्था का आलम देखा। शिक्षिका बसंती कुमारी तीन दिनों से विद्यालय नहीं आई थीं। स्कूल के विभिन्न रजिस्टर और अन्य काजात की जांच में पता चला कि शिक्षक दीपक कुमार 17 अगस्त के बाद से नहीं आये हैं। स्वयं प्रभारी प्रधानाध्यापक की दो दिन से विद्यालय में हाजिरी नहीं बनी थी।
स्कूल में क्लर्क के बदले काम करता है उसका भतीजा
लिपिक कुमार परशुराम ने अपनी जगह अपने भतीजे को विद्यालय में तैनात कर रखा है। पुस्तकालयाध्यक्ष अपनी मर्जी से विद्यालय आते जाते हैं । लिपिक व पुस्तकालय अध्यक्ष स्थानीय होने का फायदा उठाकर मनमानी करते आ रहे हैं। बीईओ रघुनंदन चौधरी ने कहा कि विद्यालय बिल्कुल बेपटरी हो गया है। निरीक्षण की रिपोर्टर बनाकर सौंपा जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई के लिए डीईओ को लिखा जायेगा। उनके आदेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।