पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी के झंझारपुर एडीजे से पिटाई के मामले में बिहार के DGP एसके सिंघल को उपस्थित रहने से छूट प्रदान कर दी है। इससे पहले पिछले 18 नवंबर को हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था कि सुनवाई के दौरान खुद डीजीपी कोर्ट में मौजूद रहेंगे। साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था।
पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार – I पर किये गए कथित आक्रमण और मारपीट की घटना के मामले की जांच का जिम्मा CID को सौंप दिया हैं। जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि मधुबनी के एस पी क्यों नहीं स्थानांतरित किया गया। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या पुलिस अधिकारी मनमानी कार्रवाई कर सकते हैं। कोर्ट ने सीआईडी को जांच का जिम्मा सौंपा और कहा कि इस मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। साथ ही इस मामले की निगरानी CID के ADG खुद करेंगे।
कोर्ट ने अगली सुनवाई मे जांच का पूरा ब्यौरा सील लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश CID को दिया। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। साथ ही कोर्ट मास्टर को आज ही इस मामले से सम्बन्धित कागजात समेत कोर्ट मे राज्य सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट उन्हें देने का आदेश दिया है। इस मामलें पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है।
मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की। ज़िला जज ,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एस एच ओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था। उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार करने और हाथापाई किया था। इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट भी किया था। पुलिस अधिकारियों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर आक्रमण करना चाहा।