पटना: बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी के अध्ययन करने हेतु राजस्थान से आयी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में मंगलवार को सीएम नीतीश से मुलाकात की और राज्य में लागू शराबबंदी की सराहना की।
दरअसल राजस्थान में भी लम्बे समय से शराबबंदी की मांग की जा रही है. इसे लेकर राज्य में सामाजिक संगठनों और महिला कार्यकर्ताओं की ओर से कई बार आवाज उठाई जा चूकी है. यहां तक कि कई राजनेताओं ने भी बिहार की तर्ज पर राजस्थान में शराबबंदी की मांग की थी. अब बिहार में लागू शराबबंदी का आकलन करने और इसके विभिन्न प्रभावों को समझने के लिए राजस्थान के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार का दौरा किया. सोमवार को उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों से वार्ता की थी. वहीं मंगलवार को सीएम नीतीश से मुलाकात की।
सूत्रों के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने शराबबंदी कानून लागू होने से बिहार को राजस्व का कितना नुकसान हुआ, और इस नुकसान के बावजूद भी राज्य ने वीते छह वर्षों में कितना विकास किया इस पर भी चर्चा की. दल में पांच सदस्य शामिल हैं जिनका नेतृत्व पूजा भारती छाबड़ा कर रही हैं. इसके अलावा राजस्थान सरकार के मद्य निषेध विभाग के एक अधिकारी भी पटना पहुंचे हैं. पटना से लौटने के बाद टीम अपना अध्य्यन रिपोट राजस्थान सरकार को सौंपेगी।
बिहार में वर्ष 2016 से लागू शराबबंदी में समय समय पर हुए बदलाव और इसे लेकर व्याप्त कानूनी एवं सामाजिक चुनौतियों पर भी चर्चा होने की बात सामने आई है. साथ ही पूर्ण शराबबंदी से किस प्रकार की परेशानी राज्य में हुई और सामाजिक स्वीकार्यता को लेकर भी अध्य्यन किया गया।
हालांकि इसी साल जनवरी 2022 में राजस्थान के सीएम गहलोत ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में शराबबंदी नहीं होगी. सीएम ने कहा कि शराबबंदी से लोगों का शराब पीना नहीं रुकेगा. ऐसे में अब प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट के बाद राजस्थान सरकार क्या निर्णय लेगी यह बेहद अहम होगा।