पटना: ब्लैक फंगस ने PMCH के पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ उदय शंकर पांडेय की जान ले ली है। कोरोना को मात देने के बाद उन्हें ब्लैक फंगस का संक्रमण हो गया था। संक्रमण के बाद डॉक्टर की दाहिनी आंख भी निकाल दी गई लेकिन इसके बाद भी वह तेजी से फैलने लगा। इस कारण से शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। सोमवार की रात इलाज के दौरान डॉ उदय शंकर की मौत हो गई। कोरोना को मात देने के बाद मौत का यह पटना में काफी खतरनाक मामला सामने आया है।
निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज
पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ उदय शंकर पांडेय को पटना के रुबन हॉस्पिटल में पांच दिन पहले भर्ती कराया गया था। वह कोरोना से ठीक हो गए थे लेकिन ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए थे। इसलिए उनकी सर्जरी भी की गई थी। रूबन मेमोरियल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया कि वह घर में ही ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए थे। उन्हें सेप्टीसीमिया भी हो गया था। देर से इलाज के लिए भर्ती थे।
पटना में ब्लैक फंगस से पहली मौत
पटना में ब्लैक फंगस से डॉक्टर की पहली मौत है। रुबन हॉस्पिटल के निदेशक का कहना है कि अस्पताल में ब्लैक फंगस से संक्रमित किसी चिकित्सक की यह पहली मौत है। हालांकि इसके पहले ब्लैक फंगस से दो संक्रमितों की मौत हो चुकी है। सोमवार को 11 नए मरीज मिले हैं। इसमें पटना एम्स में 5 और आईजीआईएमएस में 6 मरीज भर्ती हुए हैं।