परवेज़ अख्तर/सीवान:- जिले के पचरुखी प्रखंड क्षेत्र के वैशाखी गांव में रविवार की रात एक ऐसी शादी समारोह का आयोजन हुआ जहां बरात आई, वर-वधू ने एक दूसरे को वर पहनाया, फिर शादी की पूरी रस्म अदा की, लेकिन लड़की की विदाई नहीं हुई वह भी सिर्फ इस कारण से की वर दिव्यांग था। दिव्यांग होने की जानकारी जैसे ही वधू पक्ष को हुई उन्होंने इस शादी को मानने से ही इन्कार कर दिया और बरात को वापस लौटाने की जिद पर अड़ गए। जनप्रतिनिधियों के काफी मान-मनौवल के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो सका और वर पक्ष वाले बिना दुल्हन के ही घर वापस लौट गए। बताया जाता है कि रविवार की शाम वैशाखी गांव में प्रखंड के कुणवा गांव से बरात आई थी। बरात के दौरान द्वार पूजा, बरनेत, शादी की रस्म हुई। बराती तथा सराती पक्षों ने एक साथ भोजन किया। शादी को ले लोगों में काफी उत्साह था। शादी के बाद सोमवार की अलसुबह जब एक रस्म के दौरान वर-वधू द्वारा एक-दूसरे को भोजन कराने का रस्म अदा हो रही थी तभी वर द्वारा भोजन खिलाने के दौरान जब उसका हाथ नहीं उठा तो लड़की पक्ष वालों को शक होने लगा और इसके बाद तरह तरह की चर्चाएं होने लगीं। आनन फानन में घर की महिलाओं ने लड़के के शारीरिक जांच की प्रक्रिया अपना ली। इसके बाद दोनों पक्षों में बकझक हो गई। परिजनों के अनुसार शादी की रस्म अदा करते समय किसी को वर के हाथ पर ध्यान नहीं गया, लेकिन भोजन के दौरान जब दोनों हाथ से वह खाना उठाने लगा तो महिलाएं भड़क उठी और गहनता से कपड़े खोलने पर एक हाथ से दिव्यांग पाने पर भड़क गईं। वधू पक्ष वालों ने मंडप के लिए लगे बांस को उखाड़ शादी की मान्यता को रद करने की बात कही। गांव के बुद्धिजीवियों तथा जनप्रतिनिधियों ने पहुंच कर दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने की कोशिश की लेकिन कोई मानने का तैयार नहीं हुआ और बरात बिन दूल्हन वापस लौट गई। यहां गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
दिव्यांग वर देख भड़के वधू पक्ष, लौटाई बरात
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