शुभम श्रीवास्तव/गोपालगंज:
पुलिस कई बार ऐसा काम कर जाती है जिसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ता है. ताजा मामला मांझागढ़ पुलिस का है. जिसकी नासमझी की वजह से एक बेकसूर परिवार रातभर पुलिस के टॉर्चर की वजह से परेशान रहा और मांझागढ़ ब्लॉक मोड़ के पास एक बेकसूर व्यवसायी परिवार को रातभर फजीहत झेलनी पड़ी. दरअसल पुलिस को जाना था साइबर अपराधी के घर और पहुंच गयी दवा व्यवसायी के घर. परिजनों ने पुलिस पर जबरन घर में दरवाजा तोड़कर घुसने और गाली गलौज करने का भी आरोप लगाया है. पीड़ित दवा व्यवसायी चिन्ताहरण प्रसाद के मुताबिक वे गुरुवार की रात घर अपने परिवार के साथ सोये हुए थे. इसी दौरान रात को करीब 12 बजे उनके घर के छत का दरवाजा तोड़कर पुलिस के कई जवान घर में घुस आए.
यहां दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस छत से नीचे कमरे में घुसी. यहां भी कई दरवाजों को तोड़कर घरवालों से पूछताछ शुरू की. पुलिस घर के सभी कमरे में किसी मंजूर आलम नाम के शख्स को खोज रही थी. जब परिजनों ने पुलिस से कुछ पूछने की कोशिश की तब पुलिस परिजनों को रातभर टॉर्चर करती रही. बाद में काफी फजीहत होने के बाद परिजनों ने पुलिस ने पूछा कि वे किसको खोजने के लिए आये हुए हैं तो पुलिस ने बताया कि वे मंजूर आलम नाम के शख्स को गिरफ्तार करने के लिए आये हुए हैं. तब परिजनों ने बताया कि यह मंजूर आलम का नहीं बल्कि दवा व्यवसायी चिंताहरण प्रसाद का घर है. तब पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह वहां से निकल गयी.
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने घर के कई दरवाजे और शीशे तोड़ डाले, रातभर परिजनों को जगाकर टॉर्चर किया और बाद में जब उसे अहसास हुआ कि वह गलत घर में घुस गयी है. तब भी पुलिस घरवालों को धमकाते हुए वापस गयी. परिजनों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए एसपी से शिकायत की है. वहीं इस मामले में जब मांझागढ़ थानाध्यक्ष छोटन कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि थोडा मिस्टेक हुआ था. पुलिस को सुचना मिली थी कि साइबर अपराधी मंजूर आलम अपने घर में छुपा हुआ है. उसकी की गिरफ़्तारी करने के लिए टीम गयी थी, लेकिन गलत पता होने की वजह से थोडा मिस्टेक हो गया था. बहरहाल पुलिस ने साइबर अपराधी मंजूर आलम को उसके घर से गिरफ्तार कर लेने का दावा किया है.