- पोषण के प्रति व्यवहार परिवर्तन के लिए किया जायेगा जागरूक
- आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर दिया निर्देश
- बैनर-पोस्टर के माध्यम से पोषण के संदेशों को किया जायेगा प्रदर्शित
छपरा: जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए आईसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लगातार पोषण के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच त्यौहारों का भी सीजन आ गया है। बिहार का सबसे बड़ा पर्व लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा भी नजदीक है। इसको देखते हुए समाज कल्याण विभाग ने पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नयी पहल की शुरूआत की है। छठ घाटों पर आने वाले व्रतियों को पोषण का संदेश दिया जायेगा। पोषण के प्रति व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलेगा। इसको लेकर आईसीडीएस निदेशालय के निदेशक ने पत्र जारी कर सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में कहा गया है कि महा पर्व छठ पूजा के दौरान जन-जागरूकता एवं व्यवहारगत आदतों में परिवर्तन लाने के लिए पोषण संबंधित संदेशों को प्रदर्शित किया जाये। ताकि आमजनों को पोषण के बारे में सही-सही जानकारी मिल सके।
तोरण द्वार, स्टॉल व फल दुकानों पर लगेगा पोस्टर बैनर
जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि छह महापर्व के अवसर पर छठ घाटों पर चित्रात्मक संदेशों को फ्लेक्स, बैनर पर प्रिंट कर मुख्य स्थलों के तोरण द्वार, अस्थाई निर्मित सुरक्षा दीवारों, छठ व्रतियों के लिए निर्मित अस्थाई स्नान घर, पूजा समितियों द्वारा निर्मित स्टॉल, पूजा कार्य के फल विक्रय स्थल पर प्रदर्शित किया जाये।
सहयोगी संस्थाओ की ली जायेगी मदद
कुपोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने में आईसीडीएस के साथ अन्य सहयोगी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जायेगा। सामूहिक सहभागिता से ही किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। पोषण अभियान को जनआंदोलन में तब्दील करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस कार्य में केयर इंडिया, यूनिसेफ, पीरामल फाउंडेशन, पीसीआई, अलाइव एंड थ्राईव व अन्य डेवलपमेंट पार्टनर का सहयोग लिया जायेगा।
छह महीने तक सिर्फ मां का ही दूध पिलाएं
आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी वंदना पांडेय ने बताया कि नवजात शिशु के लिए मां के दूध को अमृत माना जाता है। ऐसे में सर्दियों में उसका दिन में कम से कम 4-5 बार सेवन करवाना बेहद फायदेमंद होता है. इससे उसे मौसमी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।
दी जायेगी ये जानकारी
- बच्चों की सेहत के लिए पोषण का राज, खिलाएं उन्हें फल सब्जी और अनाज
- आईये हम मिलकर अपने बच्चों के शारीरिक वृद्धि की जांच करें
- बिमारी से ठीक होने का सर्वोत्तम उपाय, 6 माह तक केवल स्तनपान कराएं तथा उसके बाद ऊपरी आहार खिलांए
- आयरन की गोली का सेवन करें
- जब शिशु छह महीने का हो जाए, तो रोज 2 से 3 कटोरी खाना जरूर खिलाएं
- फल और सब्जी गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी
- जन्म के एक घंटें के अंदर स्तनपान कराएं
- बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए छह माह तक सिर्फ स्तनपान