परवेज अख्तर/सिवान :- जिले के दारौंदा प्रखंड के सवान विग्रह ग्रामीण बैंक के कैशियर सह बाला गांव निवासी लालबदन मांझी शुरू से ही विवादों में घिरे रहे हैं। वहीं कैशियर का पैतृक मकान बाला और हरदिया-महम्मदपुर-मलमलिया एनएच 101 पर हरदिया मोड़ से महज 200 मीटर की दूरी पर आलीशान बिल्डिंग है जिसे रास्ते से गुजरने वाले रूक कर देखते हैं। सूत्रों की माने तो लाखों रुपये खर्च कर तीन मंजिल इस भवन को खड़ा किया गया है। वहीं कैशियर लालबदन मांझी नबीगंज, गोपालपुर, सोहिलपट्टी,मलमलिया, महाराजगंज, दारौंदा के सावना शाखा से पूर्ण कार्यरत थे। लालबदन मांझी पर गोपालपुर, सोहिलपट्टी और महाराजगंज शाखा के दर्जनों बचतधारी उपभोक्ताओं ने लाखों रुपये राशि गबन का आरोप गत वर्ष 2012-13 एवं 2015 में लगाया था जिसमें जांच में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन महाराजगंज के शाखा प्रबंधक और कैशियर दंडित हुए और एफआइआर दर्ज हुई थी। उसके बाद डिमोशन कर इन्हें दारौंदा के सावना शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया था।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]
सेवाकाल से कार्य विवादों में घिरे रहे कैशियर
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