परवेज़ अख्तर/सीवान:- श्रावण शुक्ल पंचमी एवं नाग पंचमी के दिन प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर के दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सीवान एवं विश्व आयुर्वेद परिषद जिला इकाई सीवान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित महर्षि चरक जयंती समारोह का आयोजन स्थानीय दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सीवान के सभाकक्ष में भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं शासी निकाय के अध्यक्ष व्यास देव प्रसाद के अध्यक्षता में संपन्न हुई । चरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने आचार्य चरक को आयुर्वेद पद्धति का जनक बताया तथा आयुर्वेद पद्धति को विकसित करने के लिए सरकार से गंभीर प्रयास करने की मांग की। इस अवसर पर समारोह को विधायक व्यास देव प्रसाद भारतीय चिकित्सा परिषद के सदस्य एवं प्राचार्य डॉक्टर प्रजापति त्रिपाठी डॉक्टर पी एन पांडे डॉक्टर मनोज कुमार मिश्रा समेत कई लोगों ने संबोधित किया। वहीं कार्यक्रम के समापन के पश्चात प्राचार्य सह केंद्रीय चिकित्सा परिषद के सदस्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि आज नाग पंचमी के दिन आयुर्वेद के जनक महर्षि चरक , जिन्होंने चरक संहीता की रचना की का जन्मदिन मनाया जाता है और आज महर्षि चरक द्वारा रचित चरक संहिता का मूल अन्य देशों में कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है और पूरा विश्व आयुर्वेद के पद्धति पर विश्वास कर इस पद्धति से कई असाध्य बीमारियों पर विजय पताका पारा चुका है उन्होंने कहा कि लगभग 2000 वर्ष पूर्व महर्षि चरक द्वारा चरक संघिता की रचना की गई लेकिन आज वैज्ञानिक प्रतिस्पर्धा वाले युग में भी इस ग्रंथ के कसौटी ओं का कोई सानी नहीं है उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में महर्षि लोगों के पास दिव्य चक्षु हुआ करते थे और इससे दिव्य चक्षु से ही इतने बड़े ग्रंथ की रचना संभव हो पाई उन्होंने कहा कि महर्षि चरक के जयंती पर मैं कहना चाहूंगा कि जिस तरह से समय-समय पर देश में महामारी या विकराल रूप ले रही हैं ऐसे में आयुर्वेद के महत्व को समझना होगा उन्होंने कहा कि जैसे विश्व को पोलियो से मुक्त कराने के लिए पोलियो ड्रॉप की व्यवस्था की गई ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद में नवजात शिशुओं के लिए स्वर्ण प्राशन की व्यवस्था है यदि सरकार स्वर्णप्राशन को सरकारी सहायता से गंभीरता से लागू करें तो नवजात बच्चों में होने वाली अधिकांश बीमारियों का समूल नाश हो जाएगा उन्होंने कहा कि लगभग 2 सप्ताह पूर्व ही उन्होंने तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन से भी सुवर्णप्राशन को सरकारी योजनाओं में शुमार करने की मांग की थी मुख्यमंत्री से भी उन्होंने स्वर्णप्राशन के वैक्वेशीनेशन पोलियो के तर्ज पर कराने की मांग की थी उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसके दुष्प्रभाव की आशंका के कारण अभी तक इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण प्राशन के प्रचार प्रसार की आवश्यकताओं पर बल देते हुए कहा कि पल्स पोलियो की मुहिम की तरह यदि स्वर्ण प्राशन को सरकारी सहयोग मिला तो हिंदुस्तान में मृत्यु दर बहुत हद तक समाप्त हो जाएगा उन्होंने हालिया आयुष मंत्री से मुलाकात को उद्धृत करते हुए कहा कि देश के आयुष मंत्री आयुर्वेद के मर्मज्ञ हैं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द इस दिशा में कार्य किए जाएंगे इस अवसर पर डॉ आर एन पांडे एवं डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी मौजूद थे
दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज में मना महर्षि चरक जयंती
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