- गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रमाण पत्र का हुआ वितरण
- अस्पताल की चिकित्सीय गुणवत्ता में होगा सुधार
- स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृद्ध करने के लिए चलाया जा रहा कार्यक्रम
छपरा: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने के उदेश्य से विभाग के द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है। इसी में से एक महत्वपूर्ण अमानत ज्योति कार्यक्रम। इस कार्यक्रम के तहत जिले के अस्पाल के प्रसव कक्ष में कार्यरत एएनएम को क्षमता वर्धन किया जाता है। प्रसव के दौरान माता एवं नवजात को बेहतर ढंग से चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लेबर रूम में कार्यरत नर्स को प्रशिक्षित कर उनका क्षमतावर्धन किया जा रहा है। जिसमें प्रसव की जटिलतायें, संक्रमण, रेफरल की सुविधा आदि विषयों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यक्रम आयोजित कर प्रशिक्षित एएनएम को प्रमाण पत्र दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सर्वजीत कुमार ने बताया कि अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित 12 एएनएम को प्रमाण पत्र दिया गया। एएनएम के स्किल डेवलपमेंट के मकसद से यह ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने अमानत ज्योति कार्यक्रम की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमानत योजना के शुरू होने से एक महीने से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में करीब सात फीसदी की कमी आई है। इस मौक् पर डॉ. मेहा कुमारी, केयर इंडिया के बीएम प्रशांत कुमार सिंह, बीएचएम राकेश सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
मातृ और नवजात शिशुओं से संबंधित समस्याओं की दी गयी जानकारी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सर्वजीत कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृत्व और नवजात शिशुओं से संबंधित समस्याओं की जानकारी देना है। महिलाओं के प्रसव के समय जानकारी रहने पर एएनएम बेहतर परामर्श और देखभाल कर सकती है। आकस्मिक समस्या आ जाने पर चिकित्सकों को सूचना और सलाह के आधार पर प्रसव कराने वाली महिला की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। इस पहल से राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।
क्या है अमानत कार्यक्रम
यह कार्यक्रम मातृ एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जा रहा है। इसके तहत चिकित्सकों एवं नर्सों को सुरक्षित प्रसव कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लायी जा सके।
यह होगा फायदा
- इस कार्यक्रम के तहत कमजोर नवजात की पहचान एवं आवश्यक देखभाल में सुधार होगा
- बच्चों एवं महिलाओं में खतरे के कारणों की पहचान एवं उपचार में गुणात्मक सुधार होगा
- साथ ही गर्भवती महिलाओं का नर्स एवं अस्पताल कर्मियों पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा
- अमानत कार्यक्रम प्रारंभ होने से अस्पताल की चिकित्सा गुणवता में सुधार होगा
- इससे अस्पताल के चिकित्सकीय व्यवस्था का सर्वांगीण विकास होगा