जेल परिसर में बेहोश गिरे कुख्यात रुस्तम खान
परवेज़ अख्तर/सिवान:- सिवान मंडल कारा में उस समय अफरातफरी मच गई जब जेल में बंद चर्चित चंद्रशेखर हत्याकांड में बंद कुख्यात रुस्तम खां जेल परिसर में बेहोश होकर गिर पड़े। आनन-फानन में जेल प्रशासन ने इसकी सूचना जिले के वरी पुलिस पदाधिकारी को दी जहां डीएम एवं एसपी को सूचना देने के बाद जेल प्रशासन ने उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। खबर लिखे जाने तक उनका चिकित्सकों की टीम इलाज करने में जुटी हुई थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के मचकना गांव निवासी कुख्यात रुस्तम खान चर्चित चंद्रशेखर हत्याकांड में जेल में बंद है। मंगलवार को रुस्तम खान जेल परिसर में टहल रहे थे। इसी दौरान अचानक शरीर में चक्कर आ गया और बेहोश होकर गिर पड़े। चिकित्सकों की मानें तो रुस्तम कई बीमारी से ग्रस्त है जिसका इलाज चल रहा है। उधर जैसे ही जेल के अंदर रुस्तम के बेहोश होने की सूचना पुलिस कप्तान नवीनचंद्र झा को मिली तो पुलिस लाइन में तैनात अवर निरीक्षक रामप्रवेश सिंह के साथ अतिरिक्त पुलिस बल के साथ जेल परिसर में भेजा, जहां सुरक्षा के बीच उन्हें सदर अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज जारी है। बता दें कि रुस्तम खान पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे। वह लगभग 16 वर्षों से जेल में बंद है। रुस्तम के ऊपर लगे दर्जनों आपराधिक मामलों में न्यायालय द्वारा उनकी रिहाई मिल चुकी है तथा फिलहाल चर्चित चंद्रशेखर हत्याकांड में जेल बंद हैं। यह मामला सीबीआई देख रही है। बता दें कि चर्चित चंद्रशेखर हत्याकांड की जांच सरकार के आदेश पर सीबीआई से कराई गई थी। रुस्तम के अलावा अन्य लोग भी इस कांड में सीबीआई के अनुसंधान पकड़ में आए। उधर रुस्तम खान ने बताया कि मेरे विरुद्ध दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हुए थे जिसमें अधिकांश मामले में न्यायालय ने मुझे बरी कर दिया है। इस कांड में भी मुझे न्यायालय पर भरोसा है।
पुरुष वार्ड की बढ़ी सुरक्षा
कुख्यात रुस्तम खान के इलाज हेतु भर्ती कराए जाने के बाद पुरुष वार्ड की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस वार्ड में आने-जाने वालों पर पैनी नजर रखी हुई है। पुलिस टीम का नेतृत्व पुलिस लाइन से आए रामप्रवेश सिंह कर रहे हैं।
कैदी वार्ड बंद होने से हो रही है कठिनाई
सदर अस्पताल में बने कैदी वार्ड बंद होने से जेल प्रशासन को काफी कठिनाई हो रही है। कैदी वार्ड विगत कई माह से बंद है। पहले जेल से आए कैदियों को इसी वार्ड में रखा जाता था जिससे कैदी भी सुरक्षित रहते थे और जेल प्रशासन भी अपने आप को इलाजरत कैदियों के प्रति सुरक्षित महसूस करते थे लेकिन अब कैदी वार्ड बंद हो गया है। इसलिए जेल से आए बीमार कैदियों को पुरुष वार्ड में रखा जाता है जिससे अलग से जेल प्रशासन को गार्ड की तैनाती करनी पड़ती है।