- मरीजों के जांच कर मोबाइल एप में करेंगी अपलोड
- गंभीर मरीजों की पहचान कर तुरंत कोविड केयर सेंटर में किया जायेगा भर्ती
- पंचायत में सेक्टर बनाकर किया जायेगा शत-प्रतिशत निगरानी
छपरा: जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं इससे बचाव के लिए विभाग व जिला प्रशासन प्रयासरत है। अब होम आईसोलेशन में रहने वाले मरीजों का मोबाईल ऐप के माध्यम से निगरानी की जायेगी। सारण के जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने बिहार सरकार द्वारा लंच किये गये एचआईटी कोविड एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। जिलाधिकारी ने कहा कि एएनएम को प्रतिदिन घर-घर जाकर कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का तापमान एवं पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल की जाँच कर मोबाइल एप में अपलोड करना है। इससे मरीजों की निगरानी करने में काफी सहायता प्राप्त होगी तथा जो मरीज गंभीर रूप से पीड़ित हैं, उन्हें जल्द से जल्द कोविड केयर सेंटर अथवा डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में लाने हेतु काफी सहूलियत होगी। इसके लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा एएनएम को जिला से पर्याप्त मात्रा में पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध करा दिया गया है।
सतत निगरानी के लिए होगा बनाया जायेगा सेक्टर
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि कोरोना मरीजों के सतत् निगरानी के परिप्रेक्ष्य में अपने-अपने प्रखण्ड अंतर्गत 2-3 पंचायत मिलाकर एक सेक्टर का निर्माण कर सेक्टर पदाधिकारी के रूप में प्रत्येक सेक्टर में दो शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करना सुनिश्चित करेंगे। जिसमे एक शिक्षक सुबह में तथा एक शिक्षक संध्या में संदर्भित कार्य की निगरानी करेंगे। उक्त कार्य के पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों की होगी। सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी प्रतिदिन सेक्टर पदाधिकारियों से उनके किये गये कार्यों से संबंधित प्रतिवेदन प्राप्त कर अग्रेत्तर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही संदर्भित अपलोडिंग के कार्य में यदि किसी ए०एन०एम० को कोई तकनीकी समस्या उत्पन्न होती है, तो उस पंचायत के कार्यपालक सहायक उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। इस हेतु आप अपने अधीनस्थ सभी कार्यपालक सहायकों को आवश्यक निदेश देना सुनिश्चित करेंगे।
एएनएम को एप संचालन के लिए किया जाये प्रशिक्षित
जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने निर्देश दिया है कि अपने-अपने प्रखंड में प्रशिक्षण का आयोजन कर एएनएम को प्रशिक्षित करने एवं एप की सुविधा लागू कराना सुनिश्चित करें। ताकि होम आईसोलेट संक्रमित मरीजों का बेहतर तरीके से ट्रेकिंग हो सकें। यह प्रशिक्षण केयर इंडिया के कर्मियों द्वारा दिया जायेगा। अब मोबाइल एप से ही ऐसे मरीजों का ट्रेकिंग कर स्वास्थ्य हाल जाना जाएगा एवं आवश्यकतानुसार आवश्यक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे ना सिर्फ ट्रेकिंग की कार्य को गति मिलेगी। बल्कि, मरीजों को भी आसानी के साथ समुचित स्वास्थ्य उपलब्ध होगी।