मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा गांव निवासी मुश्ताक व उसके भाई जावेद हिरासत में
छपरा : बिहार से कश्मीर के आतंकी संगठनों को हथियार सप्लाई के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकियों तक हथियार मुहैया करानेवाले छपरा के जावेद को इसके एवज में लाखों रुपए मिले थे। यह रकम उसके बैंक खातों में भेजी गई थी। चड़ीगढ़ में पढ़ाई कर रहे उसके भाई मुश्ताक को भी पैसे दिए गए थे। आतंकियों तक हथियार सप्लाई के आरोप में जम्मू-कश्मीर पुलिस पहले ही दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरवरी 2021 में हथियार के साथ आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास पिस्टल और दूसरे असलहे मिले थे। तहकीकात के दौरान बात सामने आई कि पिस्टल बिहार से उनतक पहुंचा है। गिरफ्तार संदिग्धों की निशानदेही पर चंड़ीगढ़ में नर्सिंग की पढ़ाई करनेवाले छपरा के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा गांव निवासी मुश्ताक को गिरफ्तार किया गया। फिर उसके घर पर छापेमारी की गई और उसके भाई जावेद को हिरासत में लिया गया।
आतंकी संगठन से जुड़े हिदायतुल्ला मलिक और जहूर अहमद राथर की गिरफ्तारी के बाद बिहार से हथियार पहुंचने की बात सामने आई थी। इसका खुलासा जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने स्वंय किया था। इस मामले में जम्मू के गनगयाल थाने में मामला दर्ज है। हथियार बरामदगी और इसके सप्लाई चेन से जुड़े 7-8 लोगों की उस वक्त तक गिरफ्तारी हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठनों को हथियार की सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार जावेद के बैंक खातों में कश्मीर से पैसे भेजे गए। मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग कई खातों से उनके बैंक अकाउंट में करीब 6 लाख रुपए आए। माना जा रहा है कि यह रकम हथियारों के एवज में उसे दी गयी। इसके अलावा उसके भाई मुश्ताक को भी रुपए दिए जाने की बात सामने आई है। उसने चंड़ीगढ़ से अपने भाई के खाते में 20-20 हजार कर कई दफे रुपए डाले। जावेद और मुश्ताक के खिलाफ पुलिस इसे बड़ा साक्ष्य मान रही है। और इसी के आधार पर आगे जांच कर रही है।
चंड़ीगढ़ में पढ़ाई के दौरान मुश्ताक जिस हॉस्टल में रहता था वहां कश्मीर के कई छात्र भी रहते हैं। कुछ से उसकी दोस्ती हो गई। कश्मीरी छात्रों को पता चला कि मुश्ताक के भाई जावेद के पास हथियार है। मुश्ताक के जरिए ही उन्होंने जावेद से संपर्क साधा और उनकी बातचीत होने लगी। कुछ समय बाद उन्होंने जावेद से हथियार की मांग की। जावेद ने उन्हें पिस्टल देने के लिए हामी भर दी। बात पक्की होने पर पिस्टल लेने कुछ कश्मीरी उसके गांव पहुंचे। बताया जाता है कि यह घटना दिसम्बर के आसपास की है। पिस्टल लेने के बाद वे बस से दिल्ली होते हुए चंड़ीगढ़ लौटे और कुछ समय बाद हथियार को कश्मीर ले गए।