छपरा: विश्व स्वास्थ्य संगठन की केंद्रीय व राज्यस्तरीय टीम ने कालाजार प्रभावित गांवों का किया भ्रमण

0
  • पदाधिकारियों ने कालाजार प्रभावित गांव का किया दौरा
  • आईआरएस छिड़काव कार्यो का लिया जायजा
  • मरीजों लिया फीडबैक

छपरा: कालाजार उन्मूलन की दिशा में विभाग के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। सारण जिले को कालाजार मुक्त करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार उन्मूलन के लिए केंद्रीय टीम के द्वारा सारण जिले के कालाजार प्रभावित गांव का निरीक्षण किया गया । दो दिवसीय दौरे पर आयी टीम के द्वारा पहले दिन बनियापुर और इसुआपुर आईआरएस छिड़काव अभियान का निरीक्षण किया गया। साथ ही कालाजार के मरीजों से मुलाकात कर आवश्यक जानकारी दी गई तथा फीडबैक लिया गया। इस टीम में दिल्ली डब्ल्यूएचओ के पदाधिकारी डॉ ध्रुव , डब्ल्यूएचओ स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ राजेश पांडेय, जोनल कॉर्डिनेटर डॉ आरती, पीसीआई के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक सोनी समेत अन्य कई पदाधिकारी शामिल है। टीम के सदस्यों ने कालाजार को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का भी जायजा लिया। सभी प्रखंडों में सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। 66 दिनों तक यह अभियान चलेगा 15 जुलाई से इस अभियान की शुरुआत की गई है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

visv savasth sangathan ka gaon ka bhraman

आशा सेविका व जीविका दीदियों की सहभागिता महत्वपूर्ण

निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों ने गांव में आशा कार्यकर्ता, सेविका, जीविका दीदी तथा पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और बैठक के दौरान कालाजार मरीजों की पहचान कर स्वास्थ्य संस्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर डॉ ध्रुव ने बताया कि कालाजार उन्मूलन में सभी की सहभागिता अति आवश्यक है। अगर आसपास के किसी व्यक्ति में लक्षण दिखे तो उसे कालाजार की जांच करा लेना आवश्यक है और इस अभियान में जीविका दीदी आंगनबाड़ी सेविका आशा कार्यकर्ता और मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों की सहयोग अपेक्षित है।

कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है सारण

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार मरीजों की संख्या में भी कमी आयी है। वर्ष 2021 तक कालाजार मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे हर हाल में पूरा करना है। कालाजार पीड़ित व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है।

जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से हारेगा कालाजार

पीसीआई के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक सोनी ने कहा कि कालाजार समाज के लिए काली स्याह की तरह है। इस बीमारी को जन-जागरूकता व सामूहिक सहभागिता से ही हराया जा सकता है। कालाजार तीन तरह के होते हैं । जो वीएल कालाजार, वीएल प्लस एचआइवी और पीकेडीएल हैं । बताया कि कालाजार रोग लिशमेनिया डोनी नामक रोगाणु के कारण होता है। जो बालू मक्खी काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना अति आवश्यक है। इस मौके पर पीसीआई के आरएमसी संजय कुमार यादव, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार समेत अन्य मौजूद थे।