- 21 दिनों तक आयोजित होगा विशेष अभियान
- टीबी मरीजों और उसके परिवार वालों को मनोवैज्ञानिक सामाजिक स्पोर्ट
- सीएचओ करेंगे टीबी से बचाव के लिए जागरूक
छपरा: सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल के तहत 2025 तक देश को टीबी की बीमारी से मुक्त बनाने के लिए जिलाभर के विभिन्न हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर पर 24 मार्च से 13 अप्रैल तक 21 दिनों का विशेष अभियान चल रहा है। इस दौरान वहां टीबी रोगियों की सुविधा के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के साथ- साथ समाज के लोगों के बीच टीबी को लेकर मनोवैज्ञानिक ,सामाजिक स्पोर्ट भी उपलब्ध करायी जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर सचिव के निर्देशानुसार सन 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीबी सेवाओं को आयुष्मान भारत हेल्थ और वेलनेस सेंटर तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
यहां टीबी मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही समुदाय से जुड़ने और लोगों के बीच टीबी के प्रति जन- जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ समय रहते टीबी मरीजों को चिह्नित करने, उसकी जांच करने और सही उपचार सुनिश्चित कराना है। इसके साथ ही हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर के माध्यम से टीबी मरीजों और उसके परिवार वालों को मनोवैज्ञानिक सामाजिक स्पोर्ट भी उपलब्ध कराना है।
सीएचओ करेंगे टीबी से बचाव के लिए जागरूक:
आगामी 14 अपैल को आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के चौथे स्थापना दिवस से पूर्व जिला भर के विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विश्व यक्ष्मा दिवस 24 मार्च से 13 अप्रैल तक 21 दिनों का विशेष कैम्प आयोजित किया गया है। इस दौरान वहां टीबी जागरूकता के विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इन गतिविधियों की मॉनिटरिंग जिला और राज्य स्तर पर की जा रही है। इस दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) पर बड़ी जिम्मेवारी है कि वो घर के दरवाजे से बाहर आ रहे लोगों को बेहतर ढंग से टीबी की जांच और इलाज के साथ- साथ इससे बचने के लिए लोगों को टीबी के लक्षण और सावधानियों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करें।
टीबी पेशेंट स्पोर्ट ग्रुप की होगी बैठक:
जिला के सभी प्रखंडों में टीबी पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे मार्च महीने से 13 अप्रैल तक ‘टीबी पेशेन्ट सपोर्ट ग्रुप’ की बैठक हो रही है । जिसमें उन्हें टीबी के लक्षण सहित इलाज के विषय में जानकारी दी जा रही है। इस मुहिम से जुड़े सभी लोग अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि हर टीबी रोगी चाहे वह सरकारी अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल से इलाज करायें उनकी सभी जाँच एवं दवाएं निःशुल्क मिले और रोगी अकेला महसूस नहीं करे तभी टीबी हारेगा, देश जीतेगा।
टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद अब हमलोगों को टीबी उन्मूलन की दिशा में भी मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। टीबी मरीजों की ससमय पहचान करने एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क इलाज प्रदान करने के लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं। इसके साथ ही टीबी पीड़ित मरीज को उनके इलाज के दौरान प्रति माह भारत सरकार की तरफ से 500 रुपये की पोषण राशि भी उनके बैंक अकाउंट में सीधे दी जा रही है। यदि आपको दो सप्ताह या अधिक समय से खाँसी हो, बुखार हो या शाम में शरीर गर्म हो रहा हो, वजन में कमी आ रही हो, भूख नहीं लग रहा हो, छाती में दर्द हो रहा हो, खांसने पर बलगम में खून आ रहा हो एवं अत्यधिक कमजोरी एवं थकान लगता हो तो बिना देर किए नजदीकी टीबी केंद्र में जाकर संपर्क जरूर करें।