छपरा: जिले के इसुआपुर प्रखंड के सुदूर उत्तरी छोड़ पर स्थित मशरक रेलवे स्टेशन के पास गलीमापुर गांव में जलजमाव की समस्या से लोगों का जीना बेहाल हो गया है। मई महीने से ही लगातार बारिश होने से गांव के निचली सतह पर बसे जैथर पंचायत के इस गांव के वार्ड नंबर एक और दो के सैकड़ों घरों में जलजमाव की समस्या बनी हुई है। जल निकासी नहीं होने से इस वार्ड के ब्राम्हण, नाई, कानू, मुसलमान, कायस्थ, तेली, कोइरी, नोनिया तथा अनुसूचित जाति के सैकड़ों परिवार नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। घरों में घुसे पानी से जन जीवन तबाह हो गया है। आलम यह है कि लोगों को रहने, सोने, खाना बनाने के साथ-साथ आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई घरों में जलजमाव के चलते पानी में रखे चौकी तथा टेबल के ऊपर चूल्हे रखकर खाना बनाए जा रहे हैं। वहीं पानी के सरांध से महामारी फैलने का भी डर बना हुआ है। घरों में अक्सर सांप-बिच्छू के निकलने से जान माल का भी खतरा बना रहता है। पशुओं के रखरखाव तथा चारे की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। वहीं सैकड़ों एकड़ में लगे पेड़ पौधे तथा फसल डूब कर सर-गल गए हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण ब्रृजमोहन तिवारी,राजीव प्रताप, चंद्रभूषण तिवारी, विश्वनाथ ठाकुर, शंभू ठाकुर, मंगल साह, कन्हैया महतो, इदरीस अंसारी, रामाधार साह,संजय श्रीवास्तव, दिलीप राम,कमल साह व अन्य का ने बताया कि जलजमाव की समस्या कोई इसी साल की नहीं है। बल्कि यह प्रत्येक वर्ष की स्थाई समस्या हो गई है। जो बरसात के मौसम में होती है। पिछले साल इस समस्या से डीएम सारण सहित स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया था।
पिछले साल जल निकासी का किया गया था प्रयास
ग्रामीणों द्वारा समस्या से अवगत कराए जाने के बाद इसुआपुर के तत्कालीन अंचलाधिकारी अजय कुमार ठाकुर तथा बीडीओ नीलिमा सहाय गांव में पहुंचकर स्थिति का अवलोकन किया था। वहीं जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने को पहल भी किया गया था। जिसके लिए गांव से पूरब की ओर नाला खोदकर जल निकासी कराने का प्रयास किया गया। लेकिन नाले के रास्ते में श्रीराम जानकी शिव मंदिर की भूमि होने से लोगों ने इसका विरोध किया। जिससे नाला नहीं खोदा जा सका। हालांकि बीडीओ ने लोगों के सुझाव पर गांव की सड़क के किनारे से नाला निर्माण कराने की बात कही। जिसका भी कुछ लोगों ने अपनी निजी जमीन का हवाला देकर कार्य का विरोध किया। हालांकि उसके बाद भी बीडीओ ने सड़क के बीचो बीच नाला निर्माण कराए जाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया। जिसके लिए तत्कालीन सीओ द्वारा स्थल की माफी भी कराई गई। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। जिससे लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
एमपी तथा विधायक से भी लगाई गई है गुहार
ग्रामीण तथा सामाजिक कार्यकर्ता बृज मोहन तिवारी तथा डा.पी के परमार का कहना है कि गांव में जलजमाव की समस्या से स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तथा स्थानीय विधायक सह बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक जनक सिंह को भी अवगत कराया गया है। साथ ही जल जमाव की समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई गई है। लेकिन इनके द्वारा भी अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है।
क्या कहती हैं बीडीओ ?
इस बाबत बीडीओ नीलिमा सहाय का कहना है कि निरीक्षण के पश्चात मैंने तत्काल जल निकासी के लिए कई बिंदुओं पर प्रयास किया। लेकिन लोगों के विरोध के चलते कार्य नहीं हो सका। वहीं स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया। तत्कालीन सीओ अजय कुमार ठाकुर से जमीन की मापी कर रिपोर्ट भी मांगी गई थी। लेकिन आज तक मुझे रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि उसके बाद सीओ साहब का ट्रांसफर भी हो गया। वैसे स्थल माफी के लिए पुनः वर्तमान सीओ साहब से कहा जाएगा तथा किसी सरकारी योजना से कार्य को कराकर जलजमाव की समस्या से लोगों को निजात दिलाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि इस कार्य के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग भी अपेक्षित है।