- निकाला जाएगा ताजिया जुलूस, पेश की जाएगी खिराज ए अकीदत
- जुलूस में गूंजेगी या हुसैन की सदाएं
- इमाम हुसैन के सत्य मार्ग पर चलने का लिया जाएगा संकल्प
✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की शहादत की याद में यौमे आशूरा के 40वें दिन मनाया जाने वाला चेहल्लुम का पर्व गुरुवार को जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में अकीदत और परंपरागत तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर कर्बला के शहीदों को याद किया जाएगा। साथ ही नम आंखों से श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस मौके पर शाही जुलूस भी निकाला जाएगा। वहीं अकीदतमंदों द्वारा कर्बला के शहीदों को नेयाज व फातेहा पढ़कर खिराज ए अकीदत पेश किया जाएगा। साथ ही इमाम हुसैन के सत्य मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जाएगा। जुलूस के दौरान जंजीर व कमां का मातम भी किया जाएगा। इसको लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई है। सदर प्रखंड के मौला नगर स्थित मस्जिद के इमाम मो. अनवर आलम ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए यजीदियों की यातनाएं सही। करबला के मैदान में हुसैन का मुकाबला ऐसे जालिम व जाबिर शख्शियत से था, जिसकी सरहदें मुलतान से आगे तक फैली हुई थी। उसके जुल्म को रोकने के लिए इमाम हुसैन आगे बढ़े। उस समय उनके साथ मात्र 72 हकपरस्त (सैनिक) थे, तो दूसरी तरफ यजीद की 22 हजार हथियारों से लैस फौज थी। ईमान के लिए वे अपना सब कुछ गंवाने को तैयार थे। करबला की जंग देखने में एक छोटी सी जंग थी, लेकिन यह जंग दुनिया की सबसे बड़ी जंग साबित हुई। जिसमें मुट्ठी भर लोगों ने अपनी शहादत देकर दुनिया को एक रोशनी दिखाई थी। बताया कि हजरत इमाम हुसैन के शहादत की याद में शहादात के 40 वें दिन चेहल्लुम मनाया जाता है।
सुरक्षा को लेकर किया गया है चाक चौबंद व्यवस्था :
जिला मुख्यालय में सभी जुलूस रुट चार्ट के अनुसार ही निकाले जाएंगे। इस दौरान शहर के प्रमुख चौक चौराहोंं सहित सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर चप्पेे-चप्पे पर चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।वहीं अर्द्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है।