- सारण के मांझी निवासी स्नेहा की हुई सफल सर्जरी
- अहमदाबाद में की गई सर्जरी
छपरा: दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों को सरकार का सहारा मिल गया है। जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए सरकार ने हृदय योजना की शुरुआत की है। हृदय योजना दिल के छेद को भरकर बच्चों में जीवन की ज्योति जला रही है। इस योजना के तहत सारण जिले के मांझी प्रखण्ड के फतेहपुर निवासी प्रेम साह की पुत्री स्नेहा कुमारी की सफल सर्जरी की गयी है। अहमदाबाद में सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद विमान से पटना एयरपोर्ट पर लौटे परिजन व बच्ची का स्वागत किया गया और नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा देते हुए घर तक पहुंचाया गया। अभिभावक व बच्ची को जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार और डॉ. अमरेंद्र कुमार तथा मांझी के डॉ. विनोद कुमार के द्वारा स्वागत किया गया। प्रेम साह ने स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है और कहा कि यह योजना गरीबों के लिए काफी कल्याणकारी है। हम जैसे गरीब परिवार के लोगों के लिए यह ऑपरेशन संभव नहीं था लेकिन स्वास्थ्य विभाग और सरकार की पहल की देन है कि आज हमारे बच्चे का सफल ऑपरेशन हुआ और इसे एक नया जीवन दिया गया है।
आरबीएसके की टीम ने किया था चिह्नित
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरबीएसके की टीम के द्वारा बच्ची को चिह्नित कर बेहतर इलाज के लिए पटना आईजीआईसी में भेजा गया था। जहां से उसे अहमदाबाद सर्जरी के लिए भेजा गया। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। बच्ची को ऑपरेशन के लिए वायुयान के माध्यम से अहमदाबाद भेजा गया था। विमान का खर्च विभाग के द्वारा उठाया गया है। इसके साथ ही बच्ची को घर से एयरपोर्ट लाने तथा एयरपोर्ट से घर पहुंचाने के लिए भी एंबुलेंस की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
अभिभावकों के लिए कम हुआ आर्थिक समस्या का बोझ
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि कुछ बच्चे जन्म लेने के साथ ही दिल में छेद होने की बीमारी से ग्रसित पाए जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही इन बच्चों में हृदय से संबंधित परेशानी बढ़ने लगती है। हालांकि आपरेशन से ऐसे बच्चों के दिल के छेद को बंद कर इस बीमारी को ठीक कर दिया जाता है। लेकिन आपरेशन की सुविधा कुछ गिने-चुने अस्पतालों में ही है और यह काफी महंगा है। जिसके कारण जिन बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, वे अपने बच्चों का आपरेशन नहीं करा पाते हैं। लेकिन अब जन्मजात दिल के छेद की बीमारी से ग्रसित बच्चों को सरकार के हृदय योजना का सहारा मिल गया है।