- सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया था उद्घाटन
- आयुष्मान गोल्डन कार्ड धारकों को निःशुल्क सुविधा
- डायलिसिस सुविधा के लिए कराना होता है ऑनलाइन पंजीकरण
छपरा: इस साल फ़रवरी के माह में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय द्वारा जिले के सदर अस्पताल में शुरू की गयी डायलिसिस यूनिट कोरोना काल में कई मरीजों के लिए संजीवनी साबित हुयी है। डायलिसिस की जरूरत होने पर पहले लोगों को निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते थे एवं इसके लिए उन्हें बड़ी धनराशि भी खर्च करनी पड़ती थी। लेकिन जिले में डायलिसिस यूनिट की शुरुआत होने से इस समस्या से लोगों को निज़ात मिल रहा है। विशेषकर ऐसे गरीब लोगों को अधिक फ़ायदा हुआ है जो डायलिसिस के लिए निजी अस्पताल में अधिक पैसे खर्च करने में असमर्थ होते थे। जिले में शुरू हुयी डायलिसिस यूनिट से मार्च 2021 से लेकर जून 2021 तक कुल 932 मरीजों को डायलिसिस की सुविधा दी गयी है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान कराने के उद्देश्य से अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। अब सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर शुरू होने के बाद किडनी के मरीजों को आर्थिक राहत भी मिल रही है।
4 महीने में 900 से अधिक मरीजों को मिली सुविधा
सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने कहा कि कोरोना काल मे भी मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराना सुनिश्चित की गई है। इस दौरान डायलिसिस यूनिट में 932 लोगों को सुविधा दी गयी है, जिसमें मार्च में 181, अप्रैल में 221, मई में 241तथा जून में 289 मरीजों ने डायलिसिस की सुविधा का लाभ उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया था उद्घाटन
छपरा सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा वर्ष 2021 के फरवरी माह में किया गया था। तब से लेकर अब तक लगातार मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत डायलिसिस सेंटर की स्थापना नेफ्रों हेल्थ केयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर की गई है। इस सेंटर में 5 बेड की व्यवस्था की गई है और विश्व स्वास्थ संगठन तथा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप सभी मानकों को पूरा किया गया है। आधुनिक संसाधनों तथा सुविधाओं से सुसज्जित यह केंद्र चालू हो जाने से छपरा शहर समेत सारण जिले के किडनी फेल्योर मरीजों को निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो रही है।
लाभुकों को मिला लाभ, जताई ख़ुशी
छपरा शहर के करीमचक निवासी आशा देवी ने कहा कि महंगी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सदर अस्पताल का डायलिसिस केंद्र इस मामले में आम मरीजों को राहत प्रदान कर रहा है। बीपीएल कार्ड पर निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मुझे मिली है।
शहर के प्रभुनाथ नगर निवासी अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें किडनी की समस्या है। उनकी तबीयत अचानक खराब हो गयी थी। लेकिन कोरोना काल मे भी सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में उन्हें बेहतर सुविधा मिली। इसके लिए उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मी और प्रशासन के प्रति में आभार प्रकट किया। मसुमगंज निवासी एके गुप्ता ने कहा कि डायलिसिस का इलाज कराने के लिए निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ता था। यह सुविधा शुरू होने से एक रुपये के पर्चे पर ही इलाज किया जा रहा है।इससे पहले मजबूरी में निजी सेंटर का सहारा लेना पड़ता था। कभी-कभी इलाज के लिए रुपये न होने से जा नहीं पाते थे। जिला अस्पताल में सुविधा शुरू होने से सहूलियत मिल गई है।
आयुष्मान भारत कार्डधारकों को नि:शुल्क सुविधा
सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बीपीएल परिवार के मरीजों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के लिए गोल्डन हेल्थ ई- कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वैसे मरीज भी डायलिसिस सेंटर में निःशुल्क डायलिसिस करा सकेंगे, जिनके पास गोल्डन हेल्थ ई- कार्ड की सुविधा उपलब्ध है।
डायलिसिस की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण
डायलिसिस की सुविधा को प्राप्त करने के लिए लोगों को तीन चीजें लेकर आना आवश्यक है, जिसमें चिकित्सक के परामर्श पर पर्चा, राशन कार्ड तथा आधार कार्ड शामिल है। इसके आधार पर ऑनलाइन पंजीकरण डायलिसिस सेंटर में किया जाएगा तथा पंजीकरण के बाद तीन बार डायलिसिस की सुविधा प्रदान होगी। तीन बार सेवा प्राप्त करने के बाद फिर नए सिरे से पंजीकरण कराना होगा। डायलिसिस सेंटर में ऑनलाइन निबंधन के बाद लोगों को अस्पताल प्रबंधक से सत्यापन कराना होगा। सत्यापन पर्चा डायलिसिस सेंटर में लाकर जमा करना होगा, जिसके आधार पर अस्पताल के उपाधीक्षक के द्वारा ऑनलाइन अप्रूवल दिया जायेगा, जिसके बाद यह सुविधा मिलेगी। जिन लोगों के पास राशन कार्ड की सुविधा नहीं है, उन्हें 1634 रुपए जमा करने पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।