बाढ़पीड़ितों की स्थिति में कोई सुधार नही
छपरा: सोमवार को स्थिर गंडक के जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि होने से बाढ़ की स्थिति गंभीर होते जा रही है।नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़े जाने में कमी के बाद सोमवार को गंडक नदी का जलस्तर स्थिर था लेकिन मंगलवार की सुबह से जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि होने लगी है जिससे बाढ़पीड़ितों की परेशानी अब और भी बढ़ गयी है। सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,सोनवर्षा ,बसहिया , उभवा ,रामपुररुद्र 161 आदि गांवो के सैकड़ो घरो में अभी भी पानी घुसा हुआ है जिससे बाढ़पीड़ित अभी भी अपने बाल बच्चो ,जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर है। पिछले तीन दिनों से सारण तटबंध पर शरण लिए बाढ़पीड़ितों को उम्मीद थी कि जलस्तर में कमी के बाद स्थिति में सुधार होगा लेकिन बढ़ते जलस्तर ने उनके माथे पर शिकन ला दिया है।
बाढ़पीड़ितों ने बताया कि इस वर्ष तीन बार आयी बाढ़ से ज्यादा पानी चौथी बार आया है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रखंड क्षेत्र में चौथी बार आयी बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को अब विषैले कीड़ो मकोड़ों एवं महामारी का भय सताने लगा है ।बाढ़पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ की दंश झेल रहे बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने अबतक कोई नही आया है ।जनप्रतिनिधि आदर्श आचार संहिता की बात कह अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं वही प्रशासनिक स्तर पर भी कोई सहायता नही मिल रही है जिससे बाढ़पीड़ितों में गुस्सा है ।वही कोंध पंचायत की मुखिया रूबी देवी द्वारा मंगलवार को रामपुररुद्र 161 गांव में जानेवाली सड़क के किनारे स्थित विद्युत पोलो पर बल्ब की व्यवस्था करायी गयी ।मुखिया प्रतिनिधि आलोक सिंह ने बताया कि बल्ब लगा देने से सारण तटबंध पर शरण लिए बाढ़पीड़ितों को कीड़ो मकोड़ो से बचाव हो सकेगा।